मुंबई। कई साल से उल्हासनगर के कुछ गोल्ड स्मगलर गैंग , जो विदेश से लाखों करोड़ों रुपए के गोल्ड तस्करी कर के सरकार की तिजोरी की चोरी के साथ-साथ सरकार के आंखों में धूल झोंक रहे हैं .ऐसे खुले आम दिन रात गोल्ड स्मगलर्स बिना किसी अंदर की मदद से तो नहीं कर सकते ना ?
कभी ग्राउंड स्टाफ ,कभी वर्दी धारी, कभी कुरु मेंबर्स की मदद बराबर मिलती रहती है.. तो कभी-कभी केस में पकड़ने के बाद कुछ निकम्मे डी आर ए के अधिकारी इनको खुली छूट दे के इन गैंग्स के कुछ छोटे-बड़े लोगों को एक दो महीने पकड़ के जेल दाल के, कैसे खत्म या पेंडिंग रख के अपना ट्रांसफर दूसरी जगह कर के मामला ठंडा कर अपनी जेब गर्म कर अपनी तिजोरी भर देते हैं. इसका खुला सबूत पिछले साल पकड़े गए दो-तीन मामले में देखने को मिला जहां मनोज (वसीम )और रोहित नाम के बड़े स्मगलर्स गैंग्स के कुछ 12 से 13 लोगों को पकड़ कर डीआरआई ने जेल में भेज दिया .वहीं मनोज को एक अधिकारी ने अपनी जेब गर्म कर उसको बचा लिया था. मगर जब हिंदमाता ने इस मामले को परत दर परत खोला। , तो मजबूरी से स्वामी नाम के अधिकारी ने उल्हासनगर से मनोज नाम के स्मगलर गैंग के मुखिया को पकड़ा और उसको जेल में डाल दिया. मगर वही बराबर के पार्टनर रोहित को अभी तक हाथ तक नहीं लगाया. आज से यह गैंग खुले आम फिर से इससे भी बड़े गोल्ड तस्करी को अंजाम दे रहे हैं. पहले यह गैंग उल्हासनगर के छोटे गरीब महिला और युवाओं की जिंदगी और भविष्य दांव पर लगाकर अपने लिए कहीं लाख करोड़ की बेईमानी प्रॉपर्टी के साथ-साथ अपने परिवार के साथ-साथ देश-विदेश घूमते घूमते देखे जा रहे हैं .जहां एक तरफ डी आर ए को मामला दाखिल करते हैं इनके ऊपर कैफे पोस्सा लगाकर अंदर कर देना था ,साथ ही उनकी प्रॉपर्टी जब्त करके प्रॉपर्टी बेचकर सरकार के कस्टम ड्यूटी से हुई कई करोड़ का नुकसान की भरपाई करनी चाहिए थी मगर कुछ वसूली के बाद अधिकारी ने एक्शन तो दूर के बात है ,इनको शोकेस नोटिस देने में भी कई बार एक्सटेंशन देते जा रहे हैं .वही टाइम निकालने के बाद अधिकारी अपना ड्यूटी खत्म कर ट्रांसफर होने के बहाने मामले से साइड हो जाते हैं.
ऐसे ही डी आर ए के एक और मामला मामले में देखने को मिला मोहित लेडवानी को पड़कर जेल भेज भेजा गया. वहीं गैंग के मुखिया अभी भी फरार दिखाए हुए हैं .
पहले रोहित और मनोज उल्हासनगर के लोगों से तस्करी करवाते थे, आजकल पिंपरी पुणे कोल्हापुर और गुजरात के कई शहरों (city) से करवा रहे हैं वही एक जय दमनानी गैंग भी आजकल एक्टिव हो गया है .ये वो जो है जिसको कुछ साल पहले बेंगलुरु डी आर ए ने पकड़ के सीपी के तहत कैस दाखिल कर जेल भेज दिया था. आजकल यह चिकन गैंग के नाम से फल फूल रहा है. यह गैंग किसी अधिकारी की बिना मदद से फ्लाइट में सोना सीट के नीचे या टॉयलेट में रखकर इंटरनेशनल फ्लाइट को डोमेस्टिक होने के इंतजार कर लोकल देश शहर की एयरपोर्ट से निकल के बाहर लाते हैं .ऐसे ही एक मामला कल करीपुर एयरपोर्ट मै देखने को मिला जहां टॉयलेट से लावारिस 3 किलो से ज्यादा लावारिस सोना कस्टम को बरामद हुआ जिसको वैल्यू दो करोड़ से ज्यादा बताई जाती है
वही यह ऐसे मामले कम होने की जगह कई गुना बढ़ते देख जा रहे हैं पहले मनोज और रोहित गैंग खुला सामने बैठकर गैंग को अंजाम देते थे .आज कल कुछ लड़के जैसे शिवम और गुप्ता.सागर जैसे कहीं दामि फेक नाम से लड़कों को आगे कर एक काम को अंजाम दे रहे हैं वहीं डॉ राय मुंबई जोन के इतने बड़े ईमानदार अधिकारी प्रवीण जिंदल के होने के बाद भी ऐसे स्मगलर्स कैसे यह काम को खुले आम अंजाम दे रहे हैं.? यह वाकई सोने को मजबूर करता है? क्या जिंदा सभी मामले को अपने हाथ में लेकर खुद इन सब मामले को जाँच कर मनोज ,रोहित गैंग के वासु टकला ,जीतू सप्रू जिनके ऊपर पहले से सीपी के तहत कार्रवाई कई साल पहले हो चुकी है. फिर भी यह काम करने पर इस मामले में फिर से सीपी सहित कार्रवाई करेंगे ? या मनोज और रोहित के इस धंधे से देश को चूना लगाकर लोनावाला और लोखंडवाला, कल्याण, उल्हासनगर में और कहीं करोड़ के प्रॉपर्टी ,फार्म हाउस और बंगला लेने का इंतजार करेंगे
जल्द पढ़िए यह मनोज गैंग सहित कौनसा गैंग और कौन से एयरपोर्ट से यह काम को कैसे अंजाम देते हैं और किन की मदद से...