पुणे: एफटीआईआई के छात्रों के मुखर विरोध प्रदर्शनों और बेहद नाटकीय दृश्यों के बीच टीवी अभिनेता और भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान ने गुरुवार को इस प्रतिष्ठित संस्थान के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया। वहीं, पुलिस ने चौहान को ‘राजनीतिक आधार पर नियुक्त’ व्यक्ति बताने वाले लगभग 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है।
एफटीआईआई प्रशासन ने कहा कि चौहान ने आधिकारिक तौर पर संस्थान का अध्यक्ष पद संभाल लिया है। इससे पहले ड्रम बजाकर और ‘गजेंद्र चौहान वापस जाओ’ के नारों वाली तख्तियां दिखाकर विरोध जता रहे लगभग 40 छात्र प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। उस समय तक चौहान भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के पास होटल के कमरे में ही रहे। परिसर में पहुंचने से पहले जब चौहान से उनकी नियुक्ति के खिलाफ जारी छात्रों के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम काम करने आए हैं। हमारा एक एजेंडा है और हम अपना काम करेंगे।’ एफटीआईआई छात्र संघ के सदस्यों ने पिछले साल शुरू की गई हड़ताल को 139 दिन बाद वापस ले लिया था।
उनका आरोप था कि चौहान का कद संस्थान की अध्यक्षता लायक नहीं है। पुलिस द्वारा कल जारी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए छात्र संघ के सदस्य आज सुबह संस्थान के मुख्य द्वारा पर एकत्र हो गए थे। पुलिस ने चेतावनी देते हुए छात्रों से कहा था कि वे चौहान के इस परिसर में प्रवेश के समय शांति बनाकर रखें।
एफटीआईआई प्रशासन ने कहा कि चौहान ने आधिकारिक तौर पर संस्थान का अध्यक्ष पद संभाल लिया है। इससे पहले ड्रम बजाकर और ‘गजेंद्र चौहान वापस जाओ’ के नारों वाली तख्तियां दिखाकर विरोध जता रहे लगभग 40 छात्र प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। उस समय तक चौहान भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के पास होटल के कमरे में ही रहे। परिसर में पहुंचने से पहले जब चौहान से उनकी नियुक्ति के खिलाफ जारी छात्रों के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम काम करने आए हैं। हमारा एक एजेंडा है और हम अपना काम करेंगे।’ एफटीआईआई छात्र संघ के सदस्यों ने पिछले साल शुरू की गई हड़ताल को 139 दिन बाद वापस ले लिया था।
उनका आरोप था कि चौहान का कद संस्थान की अध्यक्षता लायक नहीं है। पुलिस द्वारा कल जारी चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए छात्र संघ के सदस्य आज सुबह संस्थान के मुख्य द्वारा पर एकत्र हो गए थे। पुलिस ने चेतावनी देते हुए छात्रों से कहा था कि वे चौहान के इस परिसर में प्रवेश के समय शांति बनाकर रखें।