मुंबई। मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके परदही हांडी उत्सव की रंगारंग शुरूआत हुई। कुछ ‘मंडलों’ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए कथित रूप से 20 फुट से भी ऊंचे मानव पिरामिड का निर्माण किया। कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट तौर पर कहा था कि समूचे महाराष्ट्र राज्य में कोई भी मानव पिरामिड 20 फुट से अधिक ऊंचा नहीं बनाया जा सकता।
बहरहाल, इससे सटे ठाणे जिला में आज सुबह 49 फुट की ऊंचाई पर एक ‘‘दही हांडी’’ लटकाई गई, जो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय मानक से दो गुना से भी अधिक ऊंची थी। इसका आयोजन राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने किया था। ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा था कि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर आयोजित होने वाले इस महोत्सव को उसी अंदाज में मनाया जाना चाहिए जिसके लिए इसे जाना जाता है। मुंबई के उपनगर दादर में कुछ दही हांडी मंडल के सदस्य जमीन पर लेट गए और उन्होंने भी अदालत के तय मानक की अवहेलना करते हुए 20 फुट से अधिक लंबी मानव पिरामिड बनाई। गौरतलब है कि यह मानव पिरामिड जमीन पर लेटकर बनाई गई ।
पारंपरिक ‘हांडी’ को तोड़ने के लिए एक अन्य मंडल ने सीढ़ी का इस्तेमाल किया और महोत्सव के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए काले झंडे भी दिखाए। सुप्रीम कोर्ट की इस रोक के खिलाफ अपने आखिरी प्रयास के तहत ‘जय जवान क्रीड़ा मंडल गोविंदा पथक’ ने शीर्ष अदालत में नई याचिका दायर की है ।
बहरहाल, इससे सटे ठाणे जिला में आज सुबह 49 फुट की ऊंचाई पर एक ‘‘दही हांडी’’ लटकाई गई, जो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय मानक से दो गुना से भी अधिक ऊंची थी। इसका आयोजन राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने किया था। ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा था कि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर आयोजित होने वाले इस महोत्सव को उसी अंदाज में मनाया जाना चाहिए जिसके लिए इसे जाना जाता है। मुंबई के उपनगर दादर में कुछ दही हांडी मंडल के सदस्य जमीन पर लेट गए और उन्होंने भी अदालत के तय मानक की अवहेलना करते हुए 20 फुट से अधिक लंबी मानव पिरामिड बनाई। गौरतलब है कि यह मानव पिरामिड जमीन पर लेटकर बनाई गई ।
पारंपरिक ‘हांडी’ को तोड़ने के लिए एक अन्य मंडल ने सीढ़ी का इस्तेमाल किया और महोत्सव के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए काले झंडे भी दिखाए। सुप्रीम कोर्ट की इस रोक के खिलाफ अपने आखिरी प्रयास के तहत ‘जय जवान क्रीड़ा मंडल गोविंदा पथक’ ने शीर्ष अदालत में नई याचिका दायर की है ।