मुंबई/इंदौर. नोटबंदी के बाद बैंकों में ज्यादा कैश जमा करने वालों को इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। सिक्किम की कैपिटल गंगटोक की एक कंपनी को ऐसा ही एक नोटिस भेजा गया है। संबंधित पार्टी से ज्यादा कैश जमा करने पर जवाब मांगा गया है। बता दें कि गुरुवार को फाइनेंस मिनिस्ट्री ने भी बैंकों और पोस्ट ऑफिसों को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें किसी अकाउंट में एक दिन में 50 हजार और नोटबंदी के लिए तय 50 दिन में 2.5 लाख से ज्यादा के जमा होने पर इसकी इन्फॉर्मेशन आईटी डिपार्टमेंट को देने को कहा था। नोटिस में 25 नवंबर को पेश होने को कहा…
- सिलिगुड़ी आईटी (इन्वेस्टिगेशन) की ओर से भेजे गए नोटिस में संबंधित पक्ष से स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम में 12 से 14 नवंबर के बीच कैश जमा करने के बारे में सवाल किया गया है।
- एक अंग्रेजी अखबार से हुई बातचीत में सिलिगुड़ी इनकम टैक्स (इन्वेस्टिगेशन) के डिप्टी डायरेक्टर नोर्बू भूटिया ने भी नोटिस भेजे जाने की बात को कन्फर्म किया है।
- नोटिस 18 नवंबर को भेजा गया है। इसमें 13 नवंबर को जमा की गई 4 लाख 51 हजार रुपए की रकम के बारे में पूछा गया है।
- नोटिस पर सिलिगुड़ी इनकम टैक्स (इन्वेस्टिगेशन) के डिप्टी डायरेक्टर नोर्बू भूटिया की सील और दस्तखत है। जिस शख्स को नोटिस भेजा गया है, उसे 25 नवंबर तक सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ डिप्टी डायरेक्टर के सामने पेश होकर इनकम का सोर्स बताने को कहा गया है।
- नोटिस में कहा गया है, "आप अकाउंट्स की बुक्स, बिल/वाउचर लेकर आएं, ताकि कैश डिपॉजिट के बारे में समझने में मदद मिले।"
- इस नोटिस में कहा गया है कि अगर संबंधित शख्स (कंपनी) इनकम टैक्स के दायरे में है तो 2 साल का इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा।
अफसर किसी भी टैक्स पेयर को ले सकेंगे स्क्रूटनी में
- उधर ब्लैकमनी को लेकर घेराबंदी करने के मकसद से केंद्र सरकार ने आईटी डिपार्टमेंट में 10 साल बाद फिर इंस्पेक्टर राज की छूट दे दी है।
- इनकम टैक्स ऑफिसर, असिस्टेंट और डिप्टी कमिश्नर अब किसी भी टैक्स पेयर की फाइल खुद ही स्क्रूटनी कर कमाई और खर्च का पूरा हिसाब मांग सकेंगे।
- इस बारे में सीबीडीटी ने 16 नवंबर को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
- पहले कम्प्यूटर असेसमेंट स्क्रूटनी सिस्टम (कास) में रैंडम बेस पर सामने आने वाले केस की फाइल का ही असेसमेंट किया जाता था।
- आमतौर पर इस सिस्टम में 100 में से दो-तीन फाइल ही असेसमेंट में आती थीं।
- असेसमेंट ऑफिसर को किसी फाइल में गड़बड़ लगती थी तो डिपार्टमेंट के चीफ कमिश्नर या प्रिंसिपल कमिश्नर की मंजूरी लेकर ही उस फाइल को खोल सकता था।
- अब ऑफिसर को यह मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में, वह अपने दायरे में आने वाले टैक्स पेयर में से वह किसी की भी फाइल की स्क्रूटनी कर सकेगा।
जनवरी से होगा जमकर इस्तेमाल
- सभी सीए इस नोटिफिकेशन को टैक्स पेयर्स के लिहाज से काफी मुश्किल वाला फैसला बता रहे हैं।
- वे 30 दिसंबर के बाद इसका जमकर इस्तेमाल होने की बात कह रहे हैं, क्योंकि उस दौरान बैंकों से भी आईटी डिपार्टमेंट को जानकारी मिल जाएगी कि किसने अपने खाते में ढाई लाख रुपए से ज्यादा जमा किए हैं। ऐसे में, अधिकारी किसी भी टैक्स पेयर से इसका हिसाब पूछ लेगा।
में पढ़ें: फाइनेंस मिनिस्ट्री ने जारी किया था नोटिफिकेशन...
फाइनेंस मिनिस्टरी ने जारी किया था नोटिफिकेशन
- फाइनेंस मिनिस्ट्री ने गुरुवार को बैंकों, को-ऑपरेटिव बैंकों और पोस्ट ऑफिसों को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा गया है कि वे एक दिन में 50 हजार से ज्यादा और 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच 2.5 लाख से ज्यादा के कुल जमा पर जानकारी डिपार्टमेंट को दें।
- अगर एक ही कस्टमर के एक या एक से ज्यादा करंट अकाउंट्स हैं और उनमें 12.5 लाख रुपए या उससे ज्यादा की नकदी जमा होती है, तो भी इसकी जानकारी भी आईटी डिपार्टमेंट को देनी होगी।
- बैंक और पोस्ट ऑफिसों को इन लेन-देन की जानकारी 31 जनवरी 2017 या उससे पहले देनी है।
- उधर, आरबीआई ने भी बुधवार को बैंकों से कहा है कि वे तय करें कि कस्टमर 50 हजार से ज्यादा के डिपॉजिट पर पैन कार्ड की कॉपी जरूर सबमिट करें।
पहले 10 लाख के लेन-देन पर बैंक देते थे जानकारी
- इससे पहले, आईटी डिपार्टमेंट को तभी रिपोर्ट देने की जरूरत होती थी, जब तक कि किसी अकाउंट में नकद जमा की लिमिट एक फाइनेंशियल ईयर में 10 लाख रुपए को पार ना कर जाए।
- माना जा रहा है कि नोट बदलने के लिए तय 50 दिन में बड़ी तादाद में ब्लैकमनी को व्हाइट किया जा सकता है। इसे देखते हुए ही रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने ताजा इंस्ट्रक्शन दिए हैं।
जनधन खातों पर भी नजर
- आईटी डिपार्टमेंट की जीरो बैलेंस वाले ऐसे जनधन अकाउंट पर भी नजर है, जिनमें अचानक बड़ी रकम जमा हो रही है।
- फाइनेंस सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने भी कहा था, ''जनधन खाताधारकों से अपील है कि वे अपने अकाउंट का गलत इस्तेमाल करने से बचें।''
- ''जनधन में एक बार में डिपॉजिट लिमिट 50 हजार है। कई खातों में अभी तक 49 हजार रुपए जमा हो चुके हैं। ऐसे खातों पर हमारी नजर है।''
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200% पेनल्टी देनी होगी
- ऑफिशियल्स का कहना है कि 30 दिसंबर के बाद डिपार्टमेंट ज्यादा कैश डिपॉजिट करने वालों के डाटा का मिलान पिछले सालों में जमा टैक्स रिटर्न से करेगा।
- अगर किसी अकाउंट में बड़ी अघोषित रकम जमा हुई है तो उस पर तय की गई पेनल्टी लगाई जाएगी।
- सरकार पहले ही बता चुकी है कि अघोषित रकम जमा हुई तो उस पर 30 फीसदी टैक्स, 12 फीसदी इंटरेस्ट और 200 फीसदी पेनल्टी देनी होगी।
- टैक्स ऑफिशियल्स का कहना है कि ईमानदार टैक्स पेयर अपनी रकम बैंक में जमा करता है, तो उसे परेशान नहीं किया जाएगा। लेकिन टैक्स की चोरी करने वाला आजाद नहीं घूम सकता।
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