एक तरफ नोटबंदी से पूरे देश में हर आम आदमी कैश की कमी से जूझ रहा है वहीँ दूसरी तरफ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अब 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक किसी भी शख्स के एक या उससे ज्यादा चालू खातों में 12.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा कैश जमा कराने पर बैंकों से उसका जानकारी देने को कहा है। सीबीडीटी ने यह प्रावधान आयकर एक्ट के नियमों में ताज बदलाव में किया है। 15 नवंबर को बोर्ड की तरफ से किए गए बदलावों के बाद सीबीडीटी ने बैंकों से कहा है कि ऐसी जमाओं की जानकारी बोर्ड को दी जाए।
सीबीडीटी के मुताबिक, अगर आपने इस सीमा से ज्यादा रकम बैंक में कैश जमा कराई है तो सिर्फ आयकर विभाग नोटिस ही नहीं भेजेगा बल्कि आपको अपनी आय का स्रोत भी बताना होगा। यह नया नियम पिछले दिनों सरकार की तरफ से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद आया है।
साथ ही बैंकों से उन लोगों की जानकारियां भी देने को कहा गया है जिनके बचत खातों में इस समय सीमा में 2.5 लाख रुपये या इससे ज्यादा नगद डिपॉजिट किए जाते हैं। अगर सीबीडीटी की सीमा से ज्यादा कैश डिपॉजिट किया जाता है तो आयकर विभाग खाताधारकों को नोटिस जारी करेगा और उस रकम के आय स्रोत की जानकारी मांगेगा।
पिछले नियम के तहत बचत खाते में एक साल के अंदर 10 लाख रुपये तक नगद जमा कराए जा सकते थे, लेकिन अब यह रकम घटाकर 2.5 रुपये कर दी गई है। दूसरी तरफ चालू खातों में पहले नकद जमा कराने की सीमा 50 लाख और उससे ज्यादा थी लेकिन अब इसे घटाकर 12.5 लाख रुपये कर दिया गया है।