अगर आप कल ATM से पैसे निकालने जा रहे हैं तो एक बार ये खबर जरूर पढ़ें

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NEW DELHI : एटीएम और बैंक से पैसे निकालते वक्त लोगों को भरोसा रहता है कि जो नोट उन्होंने निकाले हैं वे असली हैं जबकि हमेशा ऐसा नहीं होता। नकली नोटों के संबंध में आई एक आरबीआई रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं
बैंकों और एटीएम ने पिछले साढे़ तीन सालों में 15 करोड़ कीमत के 19 लाख जाली नोट पूरे देश में वितरित किए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर में एक विश्लेषण के मुताबिक 100 रुपये के 5.42 लाख नकली नोट जिनकी कीमत 54.21 करोड़ है, 500 के 8.56 लाख जाली नोट जिनका मूल्य 42.8 करोड़ है और 1000 के 4.7 लाख नोट जिनकी कीमत 47 करोड़ रुपये हैं बैंकिंग प्रणाली के जरिए वितरित किए गए हैं।
अक्टूबर 2008 में बंगलुरू सिटी रेलवे पर एलआईसी कर्मचारी राजू के साथ एटीएम से 500 के 9 नकली नोट निकलने का मामला हुआ था। राजु ने रिजर्वेशन काउंटर के पास लगे कैनरा बैंक के एटीएम से 5 हजार रुपये निकाले जब टिकट बुक करने लिए उसने रिजर्वेशन काउंटर पर निकाले गए नोट में से एक नोट दिया तो क्लर्क ने राजू से कहा यह नकली नोट है। राजू ने क्लर्क को स्लिप दिखाते हुए कहा वह अभी एटीएस से पैसे निकाल कर लाया है।
'नकली नोट निकलते हैं तो एफआईआर दर्ज कराएं'
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एटीएम से जब एक नोट नकली निकलता है तो बैंक अक्सर रख लेते हैं लेकिन जब मशीन से सिंगल ट्रान्जेक्शन में चार से ज्यादा नकली नोट निकलें तो महीने के अंत में कोन्सोलिडेटिड रिपोर्ट पुलिस को भेजी जानी चाहिए। पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि अगर सिंगल ट्रान्जेक्शन में पांच या उससे ज्यादा नकली नोट निकलते हैं तो एफआईआर दर्ज कराएं।
नकली नोटों से बचने के लिए आरबीआई ने बैंकों को दिशा-निर्देश दे रखे हैं कि पैसा जमा करने और एटीएम में कैश लोड करने से पहले जांच करें। सूत्रों के मुताबिक अक्सर नकली नोटों का जब भी मामले सामने आते हैं तो इसके लिए आउटसोर्सिंग और कर्मचारियों की कमी को दोषी ठहराया जाता है। इससे नोटों की प्रामाणिकता की जाँच की बात पीछे छूट जाती है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि नकली नोटों की पहचान के लिए बैंक स्टाफ को प्रशिक्षण देने की सिफारिश की गई है। बैंकिंग प्रणाली में नकली नोट जरूर खत्म होने चाहिए।


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