आतंक के आका अबू बकर अल बगदादी के सिर पर अब मौत नाच रही है. मौत का खौफ पल-पल बगदादी का पीछा कर रहा है, मोसुल में एक लाख फौजियों से घिरकर बगदादी फिलहाल कांप रहा है. इसी डर को छिपाने के लिए उसने एक ऑडियो टेप जारी कर आतंकवादियों से अंतिम दम तक मुकाबला करने की बात कही है.
दो साल से ज्यादा समय से आईएसआईएस के आतंकी सरगना अबू बकर अल बगदादी ने इराक के मोसुल शहर को अपनी राजधानी बना रखा था. वहीं बैठकर वो पूरे खाड़ी देशों में आतंक की आग लगाता था. लेकिन आज उसके घर में इराकी सेना के हमलों की आग लगी हुई है. बगदादी उसमें इस कदर झुलस रहा है कि अगर जल्द ही उसकी मौत की खबर आए, तो आप ताज्जुब मत कीजिएगा.
इराकी सेना ने पहले मोसुल के आसपास के गांवों को आईएसआईएस के आतंक से मुक्त कराया और अब मोसुल को बगदादी से मुक्त कराने के आखिरी मोड़ पर है. बगदादी के खिलाफ इराकी सेना के साथ कुर्द लड़ाके भी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं. अब ये भी खबर मिल रही है कि बगदादी ने पिछले 8-9 महीने से खुद को मोसुल में ही छुपा रखा है. उसकी सारी गतिविधियां मोसुल और उससे सटे तल अफर शहर तक सिमटी हुई हैं और आज उसी मोसुल में बगदादी घिर गया है.
मोसुल में घुसने से पहले इराकी सेना ने रमादी, तिरकित और फजुल्लाह जैसे शहरों में आईएस का सफाया कर दिया. वहीं काराकोश, हमाम अल अलील, खाजेर, कुवायर और तल अफर जैसे शहरों में बगदादी के आतंकी आखिरी घड़ियां गिन रहे हैं. 17 अक्टूबर को पहले ही दिन सेना ने मोसुल के पास दो सौ किलोमीटर का इलाका मुक्त करा लिया. इसके बाद चार दिन के अंदर यानी 21 अक्टूबर तक बर्टेला में बगदादी के 100 आतंकी मारे गए. इराकी सैनिकों ने मोसुल के खलीदिया गांव को भी ISIS आतंकियों के कब्जे से छुड़ा लिया. वहीं 31 अक्टूबर तक अल-शुरा शहर भी बगदादी के काले झंडे से मुक्त हो गया.
इन सबके बावजूद बगदादी मोसुल में महफूज था. उसको लगता था कि थोड़े दिन बाद सेना हटेगी, तो वो पीछे से निकलेगा और आतंक का अपना साम्राज्य दोबारा बना लेगा. लेकिन मोसुल पर इराकी सेना का हमला और शहर में उसके आतंकी गढ़ तक पहुंचना बगदादी की ताबूत में आखिरी कील है.