चिदानंद राजगट्टा, वॉशिंगटन
सालभर पहले राष्ट्रपति चुनाव का अभियान शुरू करने से लेकर अब जीत से साथ अमेरिका का इतिहास बदलने तक, डॉनल्ड ट्रंप ने अपने खिलाफ अधिकतर अटकलों को गलत साबित किया है। 'क्या ट्रंप नए देशों को परमाणु हथियार इस्तेमाल करने देंगे ?' ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब अब ट्रंप की आगे की रणनीति से मिलेंगे। इसके अलावा व्यापार, कॉमर्स व प्रवास जैसे जरूरी पहलुओं पर ट्रंप के रुख पर भी नजर रहेगी। यह तो तय है कि ट्रंप की जीत से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उम्मीद से परे बदलाव होगा।
डॉनल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन के ब्रेग्जिट वोट के समर्थन में खुलकर अपने विचार रखे थे। ट्रंप ने यह भी एक वक्त खुलकर कहा था कि अगर हमारे पास परमाणु हथियार हैं, तो हम उनका इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते? अमेरिकी विदेश नीति के जानकार उस वक्त ट्रंप के इस बयान से हैरत में पड़ गए थे। ट्रंप का यह भी मानना है कि जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब जैसे देशों को अमेरिका पर निर्भर होने के बजाय अपने परमाणु हथियार विकसित करने चाहिए।
उन्होंने इस आशंका से भी इनकार नहीं किया था कि वह यूरोप, इराक या सीरिया में आतंकी संगठनों इस्लामिक स्टेट के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके अलावा ट्रंप ने कई अन्य चौंका देने वाले बयान दिए हैं। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका में अपराध और आतंक को रोकने के लिए मुसलमान नागरिकों की प्रोफाइलिंग होनी चाहिए और इसे शुरू करने की दिशा में गंभीरतापूर्वक सोचना चाहिए। वह अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की बात भी कर चुके हैं।