सिख समुदाय हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु नानकदेव जी की जयंती बड़ी धूम-धाम से मनाता है। गुरु नानकदेवजी की जयंती को प्रकाश पर्व यानी रोशनी का त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस बार गुरुनानक जयंती 14 नवंबर, सोमवार को है।
इस दिन गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन किए जाते हैं। जगह-जगह लंगरों का आयोजन होता है और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। गुरू नानक सिखों के प्रथम गुरु (आदि गुरु) हैं। ये दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु - सभी के गुण समेटे हुए थे। इनके बचपन में कई चमत्कारिक घटनाएं घटी, जिन्हें देखकर गांव के लोग इन्हें दिव्य व्यक्तित्व मानने लगे।
इन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने का प्रयास किया। गुरु नानकदेव जी के दोहों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र छिप हैं। ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। गुरु नानक जयंती के अवसर पर हम आपको उनके कुछ दोहों के बारे में बता रहे हैं-