नई दिल्ली: पीएम मोदी की ओर से 8 नवंबर को अचानक देश के नाम संदेश में की गई 500-1000 रुपये के तत्काल रूप से नोटबंदी की घोषणा के बाद रेलवे के आरक्षित टिकटों की संख्या में अचानक तेजी आ गई। यह तेजी महंगे टिकटों में ज्यादा देखी गई।
खबरें यह भी आईं कि लोग घर में पड़े कालाधन को सफेद करने के लिए इस प्रकार टिकट बुक करा रहे हैं ताकि टिक कैंसिल कराकर उसे व्हाइट कर लिया जाए। चालाक लोगों की इस हरकत के बाद रेलवे हरकत में आई और रेलवे ने अपने नियमों तत्काल प्रभाव से बदलाव किए।
रेल मंत्रालय ने अपने एक बयान में बताया कि पीआरएस काउंटर से बुक कराए गए टिकटों के कैंसिल करने और पैसा रिफंड करने के नियमों में बदलाव किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि 9-15 नवंबर के बीच 10000 रुपये या इससे अधिक रुपये की टिकट बुक करवाने और उन्हें पूरा या आंशिक रूप से कैंसिल करवाने वालों पर ये नियम लागू होगा। यह नियम 5000 रुपये से ज्यादा रिफंड मांगने वालों पर लागू होगा।
पीआरएस काउंटर से 9-15 नवंबर के बीच बुक कराए गए टिकटों और फिर 16-24 नवंबर के बीच उनके कैंसिलेशन के लिए अप्लाई करने वालों को नकद भुगतान नहीं होगा। ऐसे लोगों का पैसा उनके खाते में रिफंड किया जाएगा। रेलवे ने साफ कर दिया कि किसी भी सूरत में पैसे का नकद भुगतान नहीं होगा। रेल उनका पैसा ईसीएस या फिर चेक के जरिए ही देगा। रेलवे ने कहा कि मूल टिक देने पर केवल टीडीआर के जरिए ही वापस दिया जाएगा। ये काम भी टीडीआर के लिए तय वक्त सीमा में किया जाना चाहिए।
टीडीआर के लिए यह जरूरी है कि आरएसी और वेटिंग के टिकट के लिए ट्रेन के प्रस्थान के वक्त से दो घंटे पहले फाइल किया जाना चाहिए और कंफर्म टिकट पर यह ट्रेन के प्रस्थान के वक्त से करीब चार घंटे पहले किया जाना चाहिए। रेल मंत्रालय ने कहा कि बदले गए नियम के मुताबिक टीडीआर और बकाए किराए की वापसी केवल चेक और ईसीएस के जरिए ही की जाएगी।