नई दिल्ली : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत खोली गई खिड़की 31 मार्च को बंद हो गई थी, लेकिन इसके अगले 15 दिनों के भीतर आयकर विभाग ने कर चोरी की जांच के लिए अपने देशव्यापी अभियान में 540 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी का पता लगाया है।
अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रैल को शुरू हुए नए वित्त वर्ष के पहले पखवाड़े में कर अधिकारियों ने काफी सारे सर्च अभियान और सर्वेक्षणों का संचालन किया, ये सर्वेक्षण एंट्री ऑपरेटरों पर, शेल फर्मों, सरकारी अधिकारी, रीयल एस्टेट खिलाड़ी और अन्य क्षेत्रों में किए गए। 15 अप्रैल तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विभाग की ओर से 250 से ज्यादा सर्च और सर्वे किए गए। इसके तहत कर अधिकारियों ने 300 से अधिक शेल कंपनियों पर छापेमारी की जिसमें उन्होंने 540 करोड़ रुपए की ब्लैक मनी का पता लगाया है।
यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) की तीसरी धन घोषणा खिड़की बंद होने के बाद उठाया गया है। सरकार ने लोगों को 31 मार्च तक का वक्त दिया था कि वो अपनी अघोषित आय का खुलासा कर कर एवं जुर्माना अदाकर पाक-साफ हो सकते हैं।
सरकार की ओर से पहली ब्लैक मनी डिक्लेरेशन विंडो साल 2015 में खोली गई थी। यह उन लोगों के लिए थी जिन्होंने विदेश में गैरकानूनी तरीके से संपत्ति जमा कर रखी थी। उसके बाद यानी बीते साल भी एक डिक्लेरेशन विंडो ओपन की गई जिसमें व्यक्ति एवं संस्थाएं अपने घरेलू ब्लैक फंडों की घोषिणा कर सकती थीं।