सेना नगरसेवक की दंबगई पर कार्रवाई की मांग

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उल्हासनगर (एचएमएम ब्यूरो)-उल्हासनगर मनपा के महासभा के दौरान शिवसेना नगरसेवक सुनील सुर्वे ने उपायुक्त जमीर लेंगरेकर की तरफ पानी की बोतल फेंक कर मारी थी। इस घटना की चारों तरफ भर्त्सना हो रही है। 
मालूम हो कि उल्हासनगर मनपा के सर्व साधारण सभा में पानी की समस्या पर विशेष महासभा का आयोजन किया गया था। इस महासभा में विरोधी पक्ष और सत्ताधारी पक्ष के नगरसेवकों ने अपने 2 विचार रखे। इसके बाद मनपा आयुक्त डॉ.सुधाकर शिंदे ने इस विषय पर प्रशासन की तरफ से जानकारी दी। महापौर मीना आयलानी ने प्रभारी सचिव व उपायुक्त जमीर लेंगरेकर से इस विषय में आगे की जानकारी देने के लिए कहा। लेंगरेकर द्वारा इस विषय की जानकारी देने के शुरुआत में ही नाराज हुए शिवसेना नगरसेवक सुनील सुर्वे ने लेंगरेकर की दिशा में पानी की बोतल फेंक कर मार दी। इस कारण महासभा का वातावरण तनावपूर्ण हो गया था। कायद्याने वागा संघटना के अध्यक्ष राज असरोंडकर का कहना है कि पिछले 10 वर्षों से शिवसेना सत्ता में थी और सुनिल सुर्वे पिछले वर्ष स्थायी समिती के सभापति थे। स्थायी समिती के सभापति जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते सुनील सुर्वे के पास पानी की समस्या का निवारण करने का अच्छा मौका था। 120 करोड़ रुपयों की जलआपूर्ति की समस्या जस की तस बनी हुई है। जलआपूर्ति योजना का खिल्ली उड़ाने काले कोणार्क कंपनी से जनप्रतिनिधी कुछ नहीं पूछते, उलटे प्रशासन को ही दोषी ठहराते हैं। कुछ राजनीतिक पार्टियों की राजनीति पानी पर ही चल रही है। भारतीय कामगार कर्मचारी महासंच के उल्हासनगर युनिट अध्यक्ष राधाकृष्ण साठे ने इस घटना पर निषेध व्यक्त किया है और बताया कि सभी कर्मचारी काला फीता बांध कर काम करेंगे। 
सुनिल सुर्वे के विरुद्ध अगर कार्रवाई नहीं हुई तो मनपा का कामकाज बंद किया जाएगा, ऐसी चेतावनी राधाकृष्ण साठे ने दी है। इस संदर्भ में जब उपायुक्त जमीर लेंगरेकर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस घटना का मैं तीव्र शब्दों में निषेध व्यक्त करता हूं। मैं महापौर मीना आयलानी के दिए गए आदेशानुसार सभा का कार्य कर रहा था तभी यह घटना हुई। इसके आगे का कामकाज करते समय प्रशासन हमेशा निष्पक्ष रहकर काम करने के लिए प्रयत्नशील रहती है। इस पर भी जब ऐसी घटना घटती है तो बहुत तकलीफ होती है। 

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