नई दिल्ली। आईपीएल-10 के 28वें मैच में मुंबई और पुणे के बीच हुए मुकाबले के बाद अंपायरों और मैच रेफरी को एक कड़ा फैसला लेना पड़ा। इस फैसले के तहत अंपायर के फैसले से विरोध जताने वाले खिलाड़ी पर उसकी मैच फीस का 50 फीसद फाइन लगाया गया है।
यह खिलाड़ी कोई और नहीं मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा हैं। उन्होंने मैच के आखिरी ओवर में जयदेव उनादकट की गेंद को वाइड करार न देने पर स्ट्राइक छोड़कर अंपायर रवि से तीखी बहस की थी। मामला यहां तक बढ़ गया था कि लेग अंपायर नंद किशोर को आकर दोनों को अलग करना पड़ा था।
यह 20वें ओवर की तीसरी गेंद यानी 19.3 ओवर था। उनादकट ने रोहित को ऑफ स्टंप के बाहर स्लोअर गेंद की थी। रोहित ने ऑफ स्टंप के काफी बाहर निकलकर उस गेंद को खेलने की कोशिश की थी, लेकिन कोई रन नहीं बना। अंपायर रवि ने इसे वाइड करार नहीं दिया तो रोहित उनके पास जाकर इसका कारण पूछने लगे। तीखी बहस के बाद यह मामला शांत हुआ।
रोहित ने आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट की धारा 2.1.5 के लेवल 1 के इस आरोप को स्वीकार किया और अपनी गलती मानी। इस सत्र में रोहित शर्मा का यह दूसरा लेवल 1 का आरोप है। लेवल 1 का उल्लंघन करने पर इस मामले में मैच रेफरी का फैसला अंतिम और मान्य होता है।