नई दिल्ली- केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई ने अपने पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक धारा के तहत मंगलवार को केस दर्ज किया है। पूर्व सीबीआई निदेशक पर कोयला घोटाला के आरोपियों के साथ बैठक कर मामले को प्रभावित करने का आरोप है।
एपी सिंह के बाद रंजीत सिन्हा सीबीआई के दूसरे ऐसे डायरेक्टर हैं जिनके खिलाफ अपनी ही एजेंसी जांच करेगी। इससे पहले एपी सिंह को मीट एक्सपोर्टर मोइन कुरैशी के साथ भ्रष्टाचार के आरोप में केन्द्रीय जांच एजेंसी की तरफ से केस दर्ज किया गया था।
एपी सिंह के बाद रंजीत सिन्हा सीबीआई के दूसरे ऐसे डायरेक्टर हैं जिनके खिलाफ अपनी ही एजेंसी जांच करेगी। इससे पहले एपी सिंह को मीट एक्सपोर्टर मोइन कुरैशी के साथ भ्रष्टाचार के आरोप में केन्द्रीय जांच एजेंसी की तरफ से केस दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने रंजीत सिन्हा के खिलाफ सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक रोकथाम की धारा- 13(2) यानि आपराधिक व्यवहार, धारा 13(1) यानि अपने ऑफिशियल पदों का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार में संलिप्त रहना के तहत एफआईआर दर्ज की थी। अगर रंजीत सिन्हा इस केस में अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाते हैं तो पूर्व सीबीआई निदेश को सात साल तक की कैद की सज़ा सुनाई जा सकती है।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के तीन महीने के बाद यहा कार्रवायी की है जिसमें कोर्ट ने जांच एजेंसी से कहा था कि वह रंजीत सिन्हा की भूमिका की जांच करे। जस्टिस मदन बी. लोकुर, कुरियन जोसेफ और एआर सीकरी की बेंच ने वर्तमान सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को आदेश दिए कि वह रंजीत सिन्हा के खिलाफ तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन करे। सिन्हा के दो वर्ष के कार्यकाल 2012 से लेकर 2014 के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पिंजड़े में बंद तोता कहा था।