नई दिल्ली- भविष्य में आप पेट्रोल पंप पर घटतौली के शिकार न हो इसके लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। सरकार पेट्रोल पंपों के लिए ऐसी डिस्पेंसिंग मशीनों की व्यवस्था करने जा रही है जिसमें छेड़छाड़ करना मुश्किल होगा।
पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डिस्पेंसिंग मशीन बनाने वाली देशी व विदेशी कंपनियों की बैठक बुलाई है और साथ ही देश भर में पेट्रोल पंपों पर औचक निरीक्षण कराने का फैसला भी किया है।
देश में इस समय 58 हजार पेट्रोल पंप हैं। इनमें से 54 हजार पेट्रोल पंप सिर्फ सरकारी तेल कंपनियों के हैं। प्रधान के मुताबिक, हर पेट्रोल पंप पर औसतन 4 से 5 डिस्पेंसिंग मशीनें लगी होती हैं। इस हिसाब से देश में 2.50 लाख के करीब डिस्पेंसिंग यूनिटें हैं।
"हम इन सभी को अत्याधुनिक बनाना चाहते हैं ताकि समाज विरोधी तत्वों के लिए इसमें छेड़छाड़ करना मुश्किल हो जाए।" पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वेंडिंग मशीनों को आधुनिक बनाना एक सतत प्रक्रिया है।
पहले के मुकाबले भारतीय पेट्रोल पंपों पर बेहद आधुनिक मशीनें लग रही हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की घटना के बाद सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी सूरत में इनके साथ गड़बड़ी न की जा सके।
भारत में तेल मार्केटिंग कंपनियों को डिस्पेंसिंग मशीन आपूर्ति करने वाली कंपनियों में जीवीआर, मिडको, टोकहेम, टैटसुनु और ड्रेसर वेन प्रमुख हैं। इनमें मिडको को छोड़ कर अन्य सभी बहुराष्ट्रीय हैं, जिनके लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार है।
जानकारों का कहना है कि दुनिया के अन्य कई बाजारों में बेहद अत्याधुनिक डिस्पेंसिंग मशीनें आ चुकी हैं जो स्वाचालित तरीके से न केवल पेट्रोल-डीजल में होने वाली मिलावट रोकती हैं बल्कि उचित मात्रा भी सुनिश्चित करती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अगस्त, 2016 में एक मामले में अत्याधुनिक डिस्पेंसिंग यूनिटें लगाने का निर्देश दिया था।
धर्मेंद्र प्रधान ने सीएम योगी आदित्यनाथ से बैठक करके फैसला लिया कि राज्य के हर पेट्रोल पंप का निरीक्षण करने के साथ देश के अन्य हिस्सों में भी कुछ चयनित पेट्रोल पंपों की जांच होगी।
आगे की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को लखनऊ में एक विशेष बैठक बुलाई गई है जिसमें पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय व सरकारी तेल कंपनियों के आला अधिकारियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी व राज्य सरकार के संबंधित मंत्री भी भाग लेंगे।