तबादला गिरोह से जुड़े आईएएस अधिकारियों के तार, छानबीन में जुटी हैं चार टीमें

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मुंबई-आईपीएस ही नहीं कई आईएएस अधिकारियों से भी तबादला गिरोह के आरोपियों के तार जुड़े हैं। अब तक की जांच में पुलिस को 18 ऐसे आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बारे में पता चला है जो आरोपियों से संपर्क में हैं।
 इस बीच मामले की छानबीन में जुटी चार टीमों में से एक टीम दिल्ली में आरोपी के घर और दफ्तर की तलाशी में जुटी हुई है।
क्राइम ब्रांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस मामले में 18 आईपीएस, आईएएस अधिकारियों के अलावा महाराष्ट्र पुलिस सेवा के कई अधिकारी भी आरोपियों के लगातार संपर्क में थे।
पुलिस फिलहाल अधिकारियों पर शिकंजा कसने से पहले यह बात पुख्ता कर लेनी चाहती है कि अधिकारियों ने आरोपियों से मलाईदार पदों पर तबादले के लिए संपर्क किया था यह सामान्य शिष्टाचार के तहत।

क्या है मामला
 सोलापुर में तैनात डीसीपी नामदेव चव्हाण ने मुंबई पुलिस से शिकायत की थी कि कुछ लोग उनसे संपर्क कर 10 से 25 लाख रुपए में मनचाहे स्थान पर ट्रांसफर का वादा कर रहे हैं। पुलिस ने जाल बिछाकर मुंबई से इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों का दावा था कि उनके मंत्रालय में संपर्क हैं। हिरमुखे, यादव के अलावा इस मामले में किशोर माली, विशाल ओंबले और कमलेश कानडे को गिरफ्तार किया गया है।
जांच में खुलासा- दिल्ली में थी ऊंची पहुंच
 मामले के मुख्य आरोपियों में से एक महानंद डेयरी का एमडी विद्यासागर हिरमुखे एंटी करप्शन ब्यूरो में काम कर चुका है। इसके अलावा वह एक कांग्रेसी मंत्री का पीए भी रह चुका है। इसके अलावा दिल्ली मूल के एक आरोपी रविंद्र सिंह यादव उर्फ शर्मा के ठिकानों पर भी पुलिस की एक टीम छापेमारी कर रही है।
अब तक की जांच से साफ है कि रविंद्र की दिल्ली में ऊंची पहुंच थी। वह आलीशान गाड़ियों में सफर करता है और बड़े होटलों में ठहरता है। पुलिस फिलहाल इस बात का खुलासा नहीं कर रही है कि आरोपी पैसे लेकर वाकई लोगों के ट्रांसफर कराते थे या वे झांसा देकर सिर्फ आला अधिकारियों से ठगी करते थे।

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