मुंबई- ‘ये 40 लाख रुपए हैं। मुंबई के एक बिल्डर से रिश्वत में मिले एक करोड़ रुपए में से बचे हैं।' महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता संदीप येवले ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में टेबल पर नोटों की गडि्डयां बिछाते हुए यह दावा किया। महाराष्ट्र मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता संदीप ने कहा कि मुंबई के पूर्वी उपनगर के विक्रोली इलाके में स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) की योजना में हुआ घोटाला उजागर नहीं करने के लिए ‘वोट पार्टी’ देने के लिए मशहूर एक बिल्डर ने उसे 11 करोड़ रुपए रिश्वत की पेशकश की थी। इसमें से पहली किश्त के रूप में 29 मई को 60 लाख रुपए जबकि दूसरी किश्त के रूप में 21 जून को 40 लाख रुपए दिए गए। उन्होंने इसका वीडियो भी बना लिया। 60 लाख रुपए की पहली किश्त खर्च हो गई।
संदीप ने दावा किया कि घोटाले की जानकारी निकालने और गरीबों को न्याय दिलाने में यह रकम खर्च हुई। इसके बाद 40 लाख रुपए की दूसरी किश्त मिली।
येवले के मुताबिक, उन्हें ओमकार रियल्टर्स के बाबूलाल वर्मा और दूसरे बिल्डर्स ने घूस दी। कौशिक मोरे नाम के एक शख्स ने राजू नादप और सुनील गांगुर्डे के जरिए उनके घर रकम पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि सरकार इजाजत दे तो वह रिश्वत की यह रकम मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने को तैयार हैं। वह इसे आदिवासियों के लिए काम करने वाले एनजीओ को भी देने के इच्छुक हैं.
सरकार माफ नहीं करेगी तो पीड़ितों से बातचीत कर रकम वापस करने को भी तैयार
संदीप ने कहा कि रिश्वत की पहली किस्त में मिले 60 लाख रुपए एसआरए की लड़ाई में 260 घरों को न्याय दिलाने पर खर्च हुए। इसमें से कुछ पैसे बचे हैं।
संदीप ने कहा कि रिश्वत की पहली किस्त में मिले 60 लाख रुपए एसआरए की लड़ाई में 260 घरों को न्याय दिलाने पर खर्च हुए। इसमें से कुछ पैसे बचे हैं।
260 घरों को तोड़ने का नोटिस जारी हुआ था। इसे रुकवाने के लिए एक-एक घर के पीछे 5-5 हजार रुपए खर्च किए। उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज हुआ तो अग्रिम जमानत पर 50 हजार रुपए खर्च किए।
लोगों को घोटाले के खिलाफ जागृत करने के लिए 200 से ज्यादा किताबें छापी गईं। उस पर भी लाखों रुपए खर्च हुए। कई बार लोगों की मीटिंग बुलाई और हॉल बुक करने पड़े। इस पर भी खर्च हुआ।
संदीप कहते हैं कि सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों का लोन माफ करती है। लिहाजा गरीबों के न्याय की लड़ाई पर पहली किस्त की जो रकम खर्च हुई है, वह माफ करे।
दूसरी किश्त के 40 लाख रु. वह पास जमा करने को तैयार है। यदि सरकार पहली किश्त के 60 लाख रुपए मांगती है, तो वह 260 घरों के लोगों से बात कर यह रकम भी जमा करके लौटाने को तैयार हैं।
राम कदम ने कहा- आरोप झूठे
येवले ने कहा कि उन्हें एसआरए के पूर्व सीईओ विश्वास पाटील और भाजपा विधायक राम कदम ने भी घूस स्वीकार करने को कहा। हालांकि, कदम ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया और कहा कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
येवले ने कहा कि उन्हें एसआरए के पूर्व सीईओ विश्वास पाटील और भाजपा विधायक राम कदम ने भी घूस स्वीकार करने को कहा। हालांकि, कदम ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया और कहा कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
कदम ने कहा कि उन्होंने खुद इलाके के 33 लोगों के घर बचाए हैं। अगर येवले ने आरोपों की पुष्टि के लिए सबूत नहीं दिए तो उन पर 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा करेंगे।