प्रतिबंधित इंजेक्शन से दूध निकलने वाले पर मामला दर्ज़
उल्हासनगर-हमेशा से अपनी जालसाजी से उल्हासनगर ही नहीं कभी गोवा और कभी लोनावला में अपनी तिकड़म बाजी के लिए बदनाम राजवानी बंधू पहले कई लोगों को झूठे मामले में फंसाने तो कभी किसी की जमीन हथियाने और कभी न्यायलय तो कभी उमनपा को गुमराह करने वाले और कई भोलेभाले लोगों को चूना लगाने वाले अनिल राजवानी और उनके भाईयों का एक और कारनामा उजागर हुआ है| पहले तो ये लोग किसी की गाढ़ी कमाई से खेलते थे, अब तो बेजुबान जानवरों की जिंदगी से साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य से भी खेलने लगे है| हम जिक्र कर रहे हैं उन राजवानी बंधुओं की जो अपने परिसर में छोटी-मोटी दबंगई दिखाकर लोगों के लाखों- करोड़ों के लेनदेन का झूठा फैसला कराकर अपनी जेबें भरा करते हैं| इन बंधूओं का उल्हासनगर में कई व्यवसाय है ,इनमें से एक है डेरी का | राजवानी बंधू ज्यादा कमाई के चक्कर में लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे है| खाद्य पदार्थो में तमाम तरह के मिलावटों के साथ-साथ पशुओं को प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगाया जा रहा है| दूध का कारोबार करने वाले लोग बिना किसी डर के इस इंजेक्शन का उपयोग कर लोगों की सेहत को खराब कर रहे हैं| इस प्रकार का एक मामला उल्हासनगर पुलिस की हद में सोना मार्केट स्थित ए-१ प्योर मिल्क डेरी में, जहां गाय को इंजेक्शन देकर ज्यादा दूध निकालकर जानवरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था|पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार उल्हासनगर-२ सोना मार्केट के पास ए-१ प्योर मिल्क डेरी है, जहां जानवरों को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन देकर दूध निकाले जाने की जानकारी मिलने पर डॉ. अनिल माणिकराव ने इसकी जानकारी स्थानीय उल्हासनगर पुलिस को दी| जिसके उपरांत पुलिस ने प्यूअर मिल्क डेयरी मालिक रिक्की सुनील राजवानी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और आगे की जांच में जुट गई है| बता दें कि दुग्ध व्यवसायी लंबे समय से गाय व भैंस को ऑक्सीटोसिन नामक इंजेक्शन लगाकर ज्यादा दूध निकाल रहे हैं| यह इंजेक्शन लगते ही लगभग दस मिनट में ही गाय के शरीर से अविकसित दूध जबरदस्ती खींच लिया जाता है| इस दूध के सेवन से लीवर डैमेज, मोटापा समेत अन्य बिमारियों का खतरा बढ़ने की संभावना है| ऑक्सीटोसिन नामक इंजेक्शन गाय को सुबह-शाम लगाया जाता है| सुई लगाने के दस से पन्द्रह मिनट में ही गाय का अनचाहे रुप से दूध उतरना चालू हो जाता है| इंजेक्शन के माध्यम से दूध उतारने पर गाय और म्हैस का शरीर चार से पांच महीने में ही सूख जाता है, जो आने वाले समय में किसी भी काम का नहीं रहता| साथ ही इस दूध का सेवन करने वाले लोगों में इसका विपरीत असर पड़ता है| क्योंकि गाय में सुई लगने से इस दूध में हार्मोंस की अधिकता रहती है जिससे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है| ज्ञात हो कि राजवानी बंधुओंं का इतिहास इतना ही नहीं है, सुनने में तो यह भी आता है कि दुनिया में अपने परिवार को सभ्य दिखाने वाले इस परिवार ने अपने छोटे भाई का ही जायदाद हड़पकर उसे बेदखल कर दिया है|