नौकरी दिलाने के नाम पर ३१ युवकों से ठगे 86.50 लाख
आरोपियों को २ दिसंबर तक पुलिस कस्टडी
ठाणे- बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी का लालच दिखाकर लाखों रुपए ऐठनें वाले गिरोह के मुखिया और उसके ४ साथियों को ठाणे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है|इस गिरोह का मुखिया दिनेश बबनराव लहारे का भांडुप रेलवे स्टेशन के पास स्टेशन प्लाजा में स्नेहा कंप्युटर नाम की दूकान है| दिनेश शिक्षित और बेरोजगार युवकों को रेलवे विभाग, सिचाई विभाग, सार्वजनिक बांधकाम विभाग, सेल्स टैक्स, आरटीओ, एक्साइज, पोस्ट ऑफिस, पुलिस और विद्युत विभाग में अच्छे पदों पर नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे लाखों रुपए की ठगी करता था| इसी प्रकार दिनेश लहारे ने नासिक जिले के सटाणा में रहने वाले दिलीप नागू पाटील के लड़के मयूर दिलीप पाटील व अनेक शिक्षित बेरोजगार युवकों को डेढ़ साल पहले सार्वजनिक बांधकाम विभाग में नौकरी दिलाने का लालच देकर उन्हें ठाणे में बुलाकर १७ लाख ५०हजार रुपए लिया था लेकिन डेढ़ साल बितने के बात भी नौकरी न मिलने पर जब मयूर और अन्य युवकों ने उससे पैसा वापस देने की मांग की तो वह टालमटोल करने लगा| आखिरकार परेशान होकर मयूर पाटील ने दिनेश बबनराव लहारे के खिलाफ नौपाड़ा पुलिस स्टेशन में भादवि की धारा ४२०, ४०६ केे तहत मामला दर्ज कराया| इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों ने कड़ी जांच करने का निर्देश दिया था| क्राइम ब्रांच युनिट १ ठाणे के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक नितिन ठाकरे और उनकी टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर दिनेश बबन लहारे को गणेश टॉकीज धोबीआली से २४ नवंबर को मध्य रात्री में गिरफ्तार किया| पुलिस को जांच में पता चला है कि दिनेश ने ३१ युवकों से ८६ लाख ५० हजार रुपए नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा है और पुलिस को अंदेशा है कि यह आंकड़ा और बढ़ेगा| पुलिस ने लहारे के पास से उम्मीदवारों का बायोडेटा, एमएसईबी और रेलवे में नियुक्ति के संदर्भ में उस विभाग का फर्जी प्रमाणपत्र, अलग-अलग विभागों के और उच्च अधिकारियों के नाम के मुहर और फर्जी हस्ताक्षर युक्त महाराष्ट्र शासन के विविध विभागों के प्रशासनिक कार्यालयों के मुहर, कुल मिलाकर ३३ मुहर बरामद किए है| पुलिस की जांच में पता चला है कि लहारे पर इसके पहले भी संगमनेर और अहमदनगर पुलिस स्टेशनों में भी इसी प्रकार धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज है| पुलिस की जांच में दिनेश लहारे के अन्य ४ साथी विनय अनंत दलवी, शंकर बाबूराव कोलसे, रमेश बाजीराव देवरे और प्रविण वालजी गुप्ता के बारे में पता चला है, जो इसके गुनाह में बराबर शामिल है| पुलिस ने उन चारों को २७ नवंबर को इसी अपराध में गिरफ्तार किया है| इस कार्रवाई को पुलिस आयुक्त परमवीर सिंग, पुलिस सहआयुक्त मधुकर पाण्डेय, अपर पुलिस आयुक्त मकरंद रानडे (क्राईम), पुलिस उपायुक्त अभिषेक त्रिमुखे (क्राईम), सहायक पुलिस आयुक्त मुकंद हातोटे के मार्गदर्शन में ठाणे क्राईम ब्रांच युनिट १ के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक नितीन ठाकरे, पुलिस पुलिस निरिक्षक रणवीर बयेस, सपुनि. सदीप बागुल, सपुनिरी. अभिराज कुराडे, समिर अहिरराव, पु. उप. निरी. दत्तात्रय सरक, मपुउपनिरी. राजश्री शिंदे और उनकी टीम ने अंजाम दिया है|
गिरफ्तार किए गए आरोपियों को मा. न्यायलय ने २ दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश दिया है, आगे की जांच ठाणे क्राईम ब्रांच युनिट १ के सहायक पुलिस निरीक्षक संदीप बागुल कर रहे है|