पुलिस के नाक के नीचे चलते रहते है पब
मुंबई-छोटे बच्चों और युवाओं की नशे के प्रति बढ़ती रुचि को भांप नशे के कारोबारियों ने इसे भुनाने के लिए सांकेतिक नामों से पब खोलकर अपनी जेब भरना शुरू कर दिया है| ऐसे में राजधानी में कुकुरमुत्ते की तरह खुले इन पबों में देर रात तक ड्रग्स और हुक्के की कश ले हवा में धुएं को छल्ले की तरह उड़ाने वालों की भीड़ लगी रहती है| मुंबई का ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जहां इस तरह का पब न खुला हो| पब खोलना मुनाफे का सौदा बन गया है, जिसके चलते अब हुक्के के आदी हो चुके लोग अपराध करने से भी नहीं चूकते| पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे शहर के पबों में देर रात तक नशे का कारोबार कई वर्षों से धड़ल्ले से चल रहा है| पब की आड़ में युवा अन्य नशीले पदार्थों का भी सेवन कर रहे हैं्| पुख्ता सबूत के अभाव में ये लोग पुलिस की पकड़ से बच निकलते हैं| नशे के काले कारोबारियों के निशाने पर ज्यादातर कॉलेज के वे छात्र-छात्राएं हैं, जो फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं| दरअसल नशे के कारोबारी फेसबुक प्रोफाइल पर ऐसे युवाओं की तलाश करते हैं, जो पार्टी या क्लब में जाना पसंद करते हैं| जैसे ही उन्हें इस तरह का प्रोफाइल नजर आता है, वे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर पहले दोस्ती गांठते हैं, फिर धीरे-धारे पहचान बढ़ाकर उन्हें नशे की तरफ आकर्षित करते हैं|
खतरे में नाबालिगों का भविष्य
नशे के सौदागरों के ऐसे ही एक नेटवर्क का बांद्रा में पर्दाफाश हुआ है| बांद्रा में रॉयलटी (drop) नामक पब सुबह ६ बजे तक चलाया जाता है| वहीं इस क्लब में प्रवेश के लिए १० हजार से लेकर १५ हजार तक का भुगतान करना पड़ता है| वहीं शनिवार और रविवार को इस क्लब में प्रवेश करने के लिए एक हफता पहले ही बुकिंग शुरू हो जाती है| वहीं टेबल बुक करने के लिए आरटीजीएस के माध्यम से पहले ही पेमेंट देनी पड़ती है| स्थानिय लोगों द्वारा शिकायतें आने पर भी पुलिस किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करती| सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि यह क्लब पुलिस के आशिर्वाद से चल रहा है| ऐसे में ही मुंबई में कई सारे क्लब है जो धड़ल्ले से सारी रात चल रहे है| पुलिस इस सब पर कार्रवाई करने में असमर्थ है| बांद्रा में रॉयलटी (drop), प्ले बॉय क्लब (वरली), सिरक्युस (सहारा स्टार होटल), वन अबव (कमला मिल्स लोवर परेल), बॉम्बे कॉकटेल बार (मुंबई), डिंकींग कल्चर (अंधेरी), ओपा बार एंड कैफे (साकीनाका अंधेरी), किटी सू (द ललीत होटल, अंधेरी) ऐसे और कई क्लब है जो पूरी रात पुलिस के संरक्षण से चालू रहते है| मुंबई में हजारों युवा ऐसे हैं, जो नशे के मकड़जाल में फंस चुके हैं| मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में तो नशे के सौदागरों ने इतनी अधिक पैठ बना ली है कि लोगों में अपने बच्चों को लेकर चिंता होने लगी है| अपनी चिंता का इजहार करने के लिए कई सामाजिक संगठन अब तक कई बार सड़क पर मोर्चा भी निकाल चुके हैं|