यह सोना दुबई से आ रहा था| यह सोना डिस्क के रुप में था| कुल ऐसी २० डिस्क थी, हर डिस्क का वजन ढाई किलो था| यह पुरा सोना गुजरात में भेजा जाना था| DRI अधिकारियों को संदेह था की जैसे दिल्ली में २६ किलो सोना जप्त किया गया था, जब कि बेंगलुरु में यह ३३ किलो पाया गया था| तस्कर इसी प्रकार का पैंतरा आजमाने वाले थे|
मुंबई कुरियर टर्मिनल, जो कि कस्टम अधिकारीयों के हाथों में है| वहॉं पर सभी पार्सल स्कैन किए जाते है, पर उनकी जांच नही की जाती है| अगर कुरियर को मैटल का कुरियर कहकर स्कैन किया जाता है तो वह पार्सल सिर्फ काला ही दिखाई देता है| जो मैटल की निशानी है पर इससे गोल्ड का पता नही चलता है| इसी बात का फायदा उठाते हुए तस्करों ने यही प्लानिंग की|मुंबई DRI ने संदेह के आधार पर इसकी जांच की तो सहार एअर कार्गो परिसर के पास कुरियर टर्मिनस से १५ करोड़ रुपए का ५० किलो सोना जप्त किया|