कैसे भोले के नाम पर जय भोले करने वाले का हुआ पर्दाफाश
उल्हासनगर: पिछले कई दिनों से उल्हासनगर के मीडिया और सोशल मीडिया पर एक पेपर नोटिस के चलते एक उलझा हुआ मामला देखने को मिला है। जिसके चलते हिंदमाता मिरर ने अपने सूत्रों के आधार पर इसका खुलासा करने की ठान ली। प्रितम कुकरेजा एक छोटा नाम नहीं, उल्हासनगर के लिए वो एक एक्स नगरसेवक, शराब मर्चेंट और हमेशा से विवादों में रहने वाले बिल्डर व इन्वेस्टर के नाम से जाना जाता है। उनका नाम हमेशा किसी ना किसी शहर के भूखंड मामलो में आता ही रहता है। कभी पैसो के दम पे, कभी वकीलों के दम पे तो कभी कानूनी दावपेच खेलकर फैसला अपने हक़ में करते ही आया है। हाल हि में एक जमीन जिसका कुछ हिस्सा नारायण नाम के एक केबल वयवसायी के नाम था उसके हिस्से में खुद का नाम जोड़कर अपने नाम करने के फिराक में एक बिल्डर जो नारायण का पार्टनर है उसके खिलाफ कई अखबारों में पब्लिक नोटिस डाले गए थे। उसके लिए कही वाट्सएप ग्रुप में माफी भी मांगी गई। साथ हिंदमाता मिरर ने एक्सक्लूसिव खबर की जानकारी निकाली और उससे यह बात सामने आई कि कैसे कुकरेजा ने एक ही रात में ११ साल पहले के जमीन के कागजात अपने नाम कर जालसाजी की। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब विटनेस के तौर पे हीरो नाम के लड़के ने बताया कि पेपर्स ११ साल पहले नहीं बल्कि ११ घंटे पहले बनाये गए है। प्रितम कुकरेजा ने रात १० बजे मुझे घर बुलाकर कागजों पे हस्ताक्षर करने को कहा और मैंने किए ऐसी बात हीरो ने कही है।
हीरो प्रितम कुकरेजा के घर के बहार पकोड़े बेचने का धंदा करता है, जिसके लिए हीरो को डर के रहना पड़ता है, डर के कारण हीरे ने यह काम किया जिसका खुलासा आज खुद उसने किया।
यह तो एक मामला है , पर कुकरेजा बंधू कही सलों से ऐसे जमीन के घोटाले मामलो में चर्चित रहे है। कभी कोर्ट का स्टे लाना तो कभी रिश्वतखोर अधिकारियों की जेब गर्म करके अपना काम किया है। अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन और महसूल विभाग इस मामले की जांच कैसे करते है? क्या सच में इस मामले की जांच हो पायेगी या फिर इस भर भी कुकरेजा बंधू कानून की आंख में धूल झोक कर बच जाएंगे।