मुंबई. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे है। राज्य में सबसे ज्यादा मामले मुंबई में है। यहां की 2.5 वर्ग किमी क्षेत्र की झोपड़पट्टियों में 10 लाख लोग रहते है। इस वजह से कोरोना वायरस तेजी से फैला और अब पुरे शहर का स्वास्थ खतरे में है। वास्तव में, इन झोपड़पट्टियों का निर्माण करने वाले बिल्डरों को शर्म आनी चाहिए ऐसा उद्योगपति और टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा है।
टाटा में कहा, मुंबई में झोपड़पट्टियों के पुनर्वास के लिए बिल्डरों ने झोपड़पट्टियों को गिराकर वहां ऊंची बिल्डिंग्स खड़ी कर दीं और खूब पैसा कमाया।लेकिन, इन बिल्डिंग्स के घरों में वेंटिलेशन नहीं है, ऐसे चिपककर बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा, एक क्षेत्र की झोपड़पट्टियों को गिराया जाता है और दूसरे हिस्से की झोपड़पट्टियों को फिर से बनाया जाता है। इसलिए, पूरे शहर का स्वास्थ्य अब खतरे में है।
टाटा ने यह भी कहा कि, हम पिछले कुछ महीनों से देख रहे हैं कि, कैसे एक बीमारी दुनिया पर राज कर सकती हैं। यह बीमारी हमारे लक्ष्य और काम करने के तरीके को बदल रही है। अब समय आ गया है, अच्छी गुणवत्ता वाले घरों पर विचार करना चाहिए।
टाटा में कहा, मुंबई में झोपड़पट्टियों के पुनर्वास के लिए बिल्डरों ने झोपड़पट्टियों को गिराकर वहां ऊंची बिल्डिंग्स खड़ी कर दीं और खूब पैसा कमाया।लेकिन, इन बिल्डिंग्स के घरों में वेंटिलेशन नहीं है, ऐसे चिपककर बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा, एक क्षेत्र की झोपड़पट्टियों को गिराया जाता है और दूसरे हिस्से की झोपड़पट्टियों को फिर से बनाया जाता है। इसलिए, पूरे शहर का स्वास्थ्य अब खतरे में है।
टाटा ने यह भी कहा कि, हम पिछले कुछ महीनों से देख रहे हैं कि, कैसे एक बीमारी दुनिया पर राज कर सकती हैं। यह बीमारी हमारे लक्ष्य और काम करने के तरीके को बदल रही है। अब समय आ गया है, अच्छी गुणवत्ता वाले घरों पर विचार करना चाहिए।