दुनिया कोरोना से मर रही और आयुक्त को बंगले की पड़ी है

hindmatamirror
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ठाणे. कोरोना वायरस से शुरू हुए लॉक डाउन की वजह से आर्थिक तंगी से ठाणे सहित पूरा भारत जूझ रहा है. ऐसे में ठाणे मनपा आयुक्त के बंगले की मरम्मत करवाने के लिए 50 लाख की निविदा निकाली गई है, जिसका मनसे के विद्यार्थी विंग के अध्यक्ष संदीप पाचंगे ने आपत्ति जताते हुए सवाल किया कि इस आर्थिक तंगी में क्या आयुक्त का बंगले कि मरम्मत इतनी जरूरी है? साथ ही उन्होंने ऐसे खर्चों पर लगाम लगाने और ख़र्च कम करने की मांग भी की है.
बता दें कि ठाणे में कोरोना मरीजों की संख्या 700 तक पहुंच चुकी है. मनपा अस्पतालों में पीपीई किट की कमी है इसलिए डॉक्टरों को कोरोना अपना शिकार बना रहा है. दूसरी ओर कोरोटाइन केंद्र खराब स्थिती में है. फिर भी कोरोना से लड़ने के लिए पालकमंत्री एकनाथ शिंदे उपचार में तेजी लाने के लिए जनभागीदारी के साथ 1,000 बेड का कोविड अस्पताल स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.  ठाणे मनपा के जनप्रतिनिधि आपदा राहत के लिए अपने स्वयं के एक महीने के वेतन और कॉर्पोरेटर फंड का दान कर रहे हैं. वहीं मनपा के कर्मचारियों का वेतन कम किया जा रहा है. ऐसे में ठाणे मनपा प्रशासन द्वारा एक निविदा निकाली गई हैं जिस निविदा में मनपा आयुक्त विजय सिंघल के बंगले की मरम्मत के लिए आवदेन मांगा हैं. मरम्मतीकरण के लिए कुल 50 लाख रुपये की खर्च निश्चित किया गया है.  ऐसे संकट के समय में मनपा आयुक्त के बंगले की मरम्मत के लिए 50 लाख रुपये की निधि ख़र्च करना जरूरी हैं क्या ऐसा सवाल आम जनता करती नजर आ रही है.
सात दिनों में निविदा
डेवलपर्स के लिए, 15 दिनों की अवधि आम तौर पर निविदाएं प्रस्तुत करने के लिए दी जाती है. आवश्यक कार्य के दौरान यह अवधि सात दिन है. हालांकि, अधिकारियों ने सभी नियमों को निर्धारित किया है और केवल सात दिनों में निविदाओं को बुलाया है.
कहां है समस्या
हाल ही में प्रकाशित निविदा के अनुसार, 49.83 लाख रुपये के इस कार्य में बंगले का वाटर प्रूफिंग और प्लंबिंग किया जाएगा.  दरअसल, पूर्व कमिश्नर संजीव जायसवाल के कार्यकाल में कमिश्नर के बंगले का नवीनीकरण किया गया था. उस समय भी लाखों रुपये बर्बाद करके वाटर प्रूफिंग का काम किया गया था. ऐसे में समस्या कहां है, ऐसा सवाल खड़ा हो रहा हैं.
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