मुंबई- इन दिनों कोरोना वायरस से मची तबाही के दौरान महाराष्ट्र से परप्रांतियों विशेषतः उत्तर भारतीय नागरिकों की घर वापसी का सिलसिला जारी है। कुछ परप्रांतीय को तो सरकार वापस ला रही है, लेकिन कुछ परप्रांतीय ऐसे भी है जो अब भी जान जोखिम में डालकर सफर करते हुए अपने घर पहुंचने को मजबूर है। ये परप्रांतीय मासूम बच्चों के साथ ट्रक, ट्रालों बसों में खचाखच भरने के बाद इनकी छत पर भी बैठकर यात्रा करने को मजबूर है। ऐसे में उनकी मदद के लिए इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए नगरसेवक कुणाल पाटिल आगे आए। उन्होंने चिकित्सीय जांच और मास्क वितरण करके अपने खर्चे पर निजी वाहनों की व्यवस्था करके टाटा पॉवर से गांव तक पहुँचाने का सराहनीय बीड़ा उठाया है। नगरसेवक कुणाल पाटिल के इस कदम से परप्रांतियों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
परप्रांतियों ने खुशी व्यक्त करते हुए नगरसेवक कुणाल पाटिल का आभार जताया। रवाना होने से पहले इन सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच के लिए स्क्रीनिंग की गई। साथ ही सभी को मास्क दिए गए। वहीं बसों में श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का भी ध्यान रखा गया। रवाना होने से पहले इन श्रमिकों को भोजन कराया गया।
परप्रांतियों ने खुशी व्यक्त करते हुए नगरसेवक कुणाल पाटिल का आभार जताया। रवाना होने से पहले इन सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच के लिए स्क्रीनिंग की गई। साथ ही सभी को मास्क दिए गए। वहीं बसों में श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का भी ध्यान रखा गया। रवाना होने से पहले इन श्रमिकों को भोजन कराया गया।