- वड्डेटीवार से छिनी जिम्मेदारी
मुंबई. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा फैसला लेते हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को पुणे की सारथी संस्था की कमान सौंप दी है. इससे पहले सारथी संस्था का काम बहुजन समाज कल्याण मामलों के कैबिनेट मंत्री विजय वड्डेटीवार के पास थी. वड्डेटीवार पर ऐसे आरोप लग रहे थे कि वे ओबीसी समाज से हैं. इस वजह से मराठा समाज को न्याय नहीं मिल रहा था.
इस आरोप से भन्नाए वड्डेटीवार ने कहा था कि यदि मराठा समाज को ऐसा लगता है तो उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को यह जिम्मेदारी दे देनी चाहिए. जानकारों का कहना है कि सारथी संस्था को चलाने के तरीकों को लेकर उठ रहे विवादों के बाद इस संस्था की जिम्मेदारी पवार को दी गई है. ठाकरे सरकार ने एक जीआर जारी कर सारथी संस्था के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मराठा समाज को दिलाने का जिम्मा अजीत पवार को सौंप दिया है.
मराठा आरक्षण विवाद ठंडा करने की कवायद
जानकारों का कहना है कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम बैन के बाद ठाकरे सरकार मुश्किलों में घिर गई है. ऐसे में मराठा युवाओं के कल्याण से जुड़ी सारथी संस्था की जिम्मेदारी अजीत पवार को देकर सरकार इस विवाद को ठंडा करने की कवायद में जुट गई है. हाल में सारथी संस्था को आवश्यक फंड नहीं मिलने से इसके बंद होने की अफवाह तेज हो गई थी.उस समय उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा था कि इस संस्था को राज्य सरकार बंद नहीं करेगी. जुलाई महीने में इस संस्था के लिए 7 करोड़ 94 लाख 89 हजार 238 रुपए का फंड मंजूर किया गया था. ऐसे में छोटे पवार अब पूरी तरह से इस संस्था की कमान अपने हाथ में मिलने के बाद इसे नए सिरे से पुनर्जीवित करने का काम करेंगे.
वड्डेटीवार नाराज
ऐसी रिपोर्ट है कि सारथी संस्था की जिम्मेदारी छीन लेने से कैबिनेट मंत्री विजय वड्डेटीवार नाराज हैंं. कांग्रेस को लगता है कि ठाकरे सरकार के अंदर कांग्रेस के साथ शुरू से दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है. मंत्रिमंडल के गठन के दौरान जहां कांग्रेस मंत्रियों को कम महत्व वाले विभाग दिए गए. वहीं अब कुछ अहम संस्थानों की जिम्मेदारी से भी उन्हें मुक्त किया जा रहा है.