अंधेर नगरी-चौपट राजा: जज को ही मुकदमा दर्ज कराने में लगे 6 महीने तो आम आदमी का क्या...

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  • इलाज के दौरान हुई थी बाराबंकी के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार अस्थाना के पत्नी की मौत, अस्पताल पर 7 महीने बाद कोर्ट के आदेश पर FIR

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक अस्पताल पर बाराबंकी के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार अस्थाना की पत्नी के मौत के सात महीने बाद लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया गया है. अस्पताल के खिलाफ यह मामला कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है. पुलिस ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार अस्थाना अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के निवासी अखिलेश कुमार अस्थाना ने अपनी पत्नी को कमर दर्द की शिकायत पर लखनऊ के निजी अस्पताल चंदन हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में फरवरी में भर्ती कराया था. अस्पताल में उपचार के दौरान अखिलेश की पत्नी की हालत बिगड़ती ही चली गई. अखिलेश कुमार अस्थाना ने आरोप लगाया है कि उन्हें इलाज की जानकारी भी नहीं दी जा रही थी.
अखिलेश के मुताबिक कुछ दिन एडमिट रहने के बाद जब उनकी हालत काफी गंभीर हो गई, तब डॉक्टर ने किसी और हॉस्पिटल ले जाने की बात कही. वे पत्नी को राम मनोहर लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज शुरू होते ही उनकी पत्नी की मौत हो गई. मृतका के पति के मुताबिक डॉक्टरों से बातचीत में यह निकल कर आया कि पहले गलत इलाज चलाया गया. 



अपनी पत्नी की मौत के बाद अखिलेश कुमार अस्थाना ने चंदन हॉस्पिटल के खिलाफ थाने में तहरीर दी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. परेशान अखिलेश ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लगभग सात महीने लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने चंदन हॉस्पिटल के मालिक, सीएमएस और अन्य स्टाफ पर मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दे दिए. कोर्ट के आदेश पर विभूति खंड थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है.
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