- समाजसेवक की दखल के बाद शव लेने पहुंचे मनपा कर्मी
- वसई- विरार मनपा के कामकाज पर उठ रहे सवाल
विरार. वसई-विरार मनपा भले ही कोरोना संक्रमण रोकने के नाम पर करोड़ोंं रुपए खर्च कर नित नए उपाय योजना करने का दावा कर रही है, लेकिन वास्तविकता मनपा के हर दावों से बिल्कुल अलग है. विरार पश्चिम के जेपी नगर इलाके में कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु के बाद शव को ले जाने के लिए मनपा कर्मचारी 19 घंटे बाद आए वह भी तब जब एक स्थानीय समाजसेवक ने अधिकारियों पर दबाव बनाया.
मदद के लिए कोई नहीं आया आगे
मृतक के रिश्तेदार अतुल केलकर ने बताया कि 68 वर्षीय मृतक अपने 2 बच्चों और पत्नी के साथ विरार पश्चिम स्थित जेपी नगर को. ऑप. हाउसिंग सोसायटी में रहते था. बीते 8 सितम्बर को उन्हें बुखार आया था. डॉक्टर से संपर्क करने पर उनका कोरोना जांच करवाई गई. लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही 9 सितम्बर की सुबह उनकी मौत हो गई. इसकी जानकारी मनपा अधिकारियों को दी गई. लेकिन कोई कर्मचारी उनके शव को ले जाने के लिए नहीं आया. शाम को रिपोर्ट आई तो जानकारी हुई कि वह पॉजिटिव था. ऐसे में मनपा अधिकारियों को कई बार फोन करने पर सिर्फ यह बताया गया कि आप उनकी बॉडी को (कोल्ड) फ्रीजर में रखो. रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी मिलने के बाद उनकी सोसायटी से भी कोई व्यक्ति उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा था. ऐसे हालात में कई घंटे तक कोरोना पॉजिटिव के शव के साथ अकेले घर में रहते हुए परिवार के अन्य सदस्यों में भी भय का माहौल बन गया. क्योंकि कोरोना पॉजिटिव होने के कारण शव का अंतिम संस्कार मनपा को ही करना था. मृतक के परिवार को शव के साथ 19 घंटे का वक्त गुजारना पड़ा.
कागजों पर उपाय योजना
समाजसेवक मयूरेश वाघ ने बताया कि मुझे 10 सितम्बर की सुबह मृतक के एक रिश्तेदार का फोन आया तो जानकारी मिली कि कोरोना संक्रमित मृतक का शव पिछले 19 घंटे से घर में पड़ा है. कई बार कहने के बावजूद मनपा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उसे ले जाने के लिए नहीं आए. वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने के बाद आई एंबुलेंस की मदद से बॉडी को ले जाया गया. जबकि अभी कुछ दिन पूर्व ही कमिश्नर ने 25 नई एंबुलेंस खरीदने की जानकारी दी थी. ऐसे हालात को देखकर यह साबित हो रहा है कि मनपा अधिकारियों द्वारा कोरोना संक्रमण बाबत की जाने वाली सभी उपाय योजना सम्बन्धित दावे सिर्फ कागजों पर हैंं.