बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangna Ranaut) के बांद्रा स्थित ऑफिस पर बीएमसी (BMC) की कार्रवाई को शिवसेना (Shivsena) की सहयोगी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने गलत बताया है. शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई गैर जरूरी है, मुंबई में और भी अवैध निर्माण हैं. शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से (कंगना को) बोलने का अवसर दे दिया है. मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं. यह देखने की जरूरत है कि अधिकारियों ने यह निर्णय क्यों लिया.
कंगना रनौत के खिलाफ शिवसेना नीत उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) सरकार बदले की कार्रवाई में इस कदर अंधी हो चुकी है कि उसके लिए हाईकोर्ट (High Court) के आदेश की भी कोई अहमियत नहीं है. पता चला है कि 15 जुलाई को मुंबई हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) के मद्देनजर एक आदेश पारित किया था, जो 31 अगस्त तक था. इसमें साफ-साफ कहा गया था कि किसी भी किस्म का निर्माण ध्वस्त नहीं किया जा सकता है. 30 सितंबर तक इस आदेश को फिर बढ़ा दिया गया था. ऐसे में बुधवार को बांद्रा स्थित कंगना रानौत के ऑफिस को बीएमसी ने अवैध निर्माण के नाम पर ध्वस्त कर दिया.
कंगना के खिलाफ शिवसेना ने सारी ताकत झोंकी
कंगना के बेबाक बयानों से शिवसेना बौखलाई हुई है. कंगना के मुंबई और मुंब्रा देवी के कथित अपमान पर शिवसेना खासकर उसके सांसद संजय राउत इस कदर भड़के हुए हैं कि वे असंसदीय भाषा समेत अवैध तरीके से कंगना के खिलाफ कार्रवाई करने से भी गुरेज नहीं कर रही. गौरतलब है कि संजय राउत और शिवसेना की धमकी को नजरअंदाज कर कंगना ने पहले ही कह दिया था कि वह 9 सितंबर को मुंबई पहुंच रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि जिसमें दम है, वह उन्हें रोक कर दिखाए.