नई दिल्ली. टेलीविजन की कीमतें (TV Price Increased) अक्टूबर से बढ़ सकती हैं. क्योंकि जो पिछले साल ओपन सेल पैनल पर 5% आयात शुल्क रियायत दी गई थी वो इस महीने के अंत में समाप्त हो रही है. टेलीविजन उद्योग पहले से ही दबाव में है क्योंकि पूरी तरह से निर्मित पैनलों (टीवी बनाने में एक प्रमुख घटक) की कीमतें 50% से अधिक बढ़ गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यह पता चला है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय इम्पोर्ट ड्यूटी रियायत को बढ़ाने के पक्ष में है. इम्पोर्ट ड्यूटी रियायत दिए जाने की वजह से टीवी मैन्युफैक्चरिंग में निवेश बढ़ाने में मदद मिली है और इसी का परिणाम है कि दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग वियतनाम से अपना उत्पादन कारोबार समेट कर अब भारत में उत्पादन शुरू करेगी. सूत्रों के मुताबिक, हालांकि, अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा, जो अभी ठंडे बस्ते में बंद है.
1200-1500 रुपये तक बढ़ सकती हैं टीवी की कीमतें
टीवी कंपनियों ने टीओआई से कहा कि उनके पास दाम बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. क्योंकि अतिरिक्त लागत वे वहन करेंगे यदि शुल्क रियायत 30 सितंबर से आगे नहीं बढ़ाया जाती है. इनमें एलजी, पैनासोनिक, थॉमसन और सैंसुई जैसे ब्रांड शामिल हैं, जो कहते हैं कि टीवी की कीमतें लगभग 4% या यूं कहें कि 32 इंच के टेलीविजन के लिए न्यूनतम 600 रुपये और 42 इंच के लिए 1200-1500 रुपये तक बढ़ जाएंगी और बड़ी स्क्रीन वालों के लिए भी अधिक होगी.
टीवी कंपनियों ने टीओआई से कहा कि उनके पास दाम बढ़ाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. क्योंकि अतिरिक्त लागत वे वहन करेंगे यदि शुल्क रियायत 30 सितंबर से आगे नहीं बढ़ाया जाती है. इनमें एलजी, पैनासोनिक, थॉमसन और सैंसुई जैसे ब्रांड शामिल हैं, जो कहते हैं कि टीवी की कीमतें लगभग 4% या यूं कहें कि 32 इंच के टेलीविजन के लिए न्यूनतम 600 रुपये और 42 इंच के लिए 1200-1500 रुपये तक बढ़ जाएंगी और बड़ी स्क्रीन वालों के लिए भी अधिक होगी.