'रक्तदान-महादान' का आव्हान इस समय बेमानी हो गया है। कोरोना (Covid-19) काल में मुंबई (mumbai) में रक्त (blood) की कमी चिंता का विषय बन गया है। रक्त की कमी का मुख्य कारण रक्तदान (blood donation) का न होना बताया जा रहा है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि, जब से कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण फैला है, तभी से ही रक्तदान करने वालों की संख्या में भारी कमी आई है।
चूंकि कोरोना के कारण पिछले 5 महीनों में कोई रक्तदान शिविर (blood donation camp) आयोजित नहीं किया गया है, और जो भी रक्तदान शिविर आयोजित हुए हैं वे सभी कोरोना मरीजों (Corona patient) के लिए हुए हैं। इसलिए अगले 5 से 6 दिनों के लिए ही रक्त उपलब्ध है।
मुंबई में कोरोना (Corona in mumbai) संक्रमण से पहले, हर महीने मुंबई में दो से ढाई हजार रक्तदान शिविर आयोजित किए जाते थे। लेकिन कोरोना में यह संख्या गिरकर एक हजार से बारह सौ पर आ गई। इस दौरान रक्तदान में 50 फीसदी की गिरावट आई है। पहले 50 प्रतिशत रक्त आम नागरिको द्वारा रक्त दान करने से मिल जाता था, जबकि 15 प्रतिशत रक्त कॉलेजों से मिल जाता था। और 35 प्रतिशत रक्त कॉर्पोरेट कंपनियों (Corporate company) में आयोजित रक्तदान शिविर से मिल जाते थे। लेकिन कोरोना प्रादुर्भाव के कारण यह रक्तदान का सिलसिला पिछले 5 महीनों से रुका हुआ है। जबकि इस दौरान जरूरतमंदों को रक्त दिया गया, नतीजतन, रक्त की कमी हो गई है।
प्रशासन की तरफ से राज्य रक्त संक्रमण परिषद के संचालक अरुण थोरात ने सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से रक्तदान करने की अपील की है। सरकार द्वारा नवरात्रि पर्व के दौरान स्वास्थ्य शिविर लगाकर रक्त की आपूर्ति को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।