- गोल्ड स्मगलिंग का यह मामला 5 जुलाई को सामने आया था, कस्टम विभाग के अफसरों ने एक डिप्लोमेटिक बैगेज से 15 करोड़ रु. कीमत का सोना पकड़ा था
- गोल्ड स्मगलिंग मामले के दोनों आरोपी तंजानिया और दुबई गए थे, ये दोनों देश ऐसे हैं जहां पर दाऊद की ‘डी’ कंपनी का गैर कानूनी धंधा चलता है
केरल गोल्ड स्मगलिंग के तार अंडरवर्ल्ड से जुड़ रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शक है आरोपियों का संपर्क गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम रहा है। एजेंसी ने बुधवार को कोच्ची एनआईए कोर्ट में सौंपे गए लिखित जवाब में यह बात कही। एजेंसी ने आरोपियों रमीज केटी और सरफुद्दीन की ओर से दाखिल जमानत याचिका का विरोध करते हुए यह जवाब सौंपा। कोर्ट से जमानत मंजूर नहीं करने का अनुरोध भी किया।
गोल्ड स्मगलिंग का यह मामला 5 जुलाई को सामने आया था। कस्टम विभाग के अफसरों ने एक डिप्लोमेटिक बैगेज पकड़ा था। बैगेज यूएई से भेजा गया था। विदेश मंत्रालय से इजाजत मिलने के बाद इसे खोला गया था। जांच के बाद बैगेज में करीब 15 करोड़ रुपए कीमत का 30 किलोग्राम सोना मिला था। मामले में एनआईए ने स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर समेत कुछ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है।
‘तंजानिया में बंदूक बेचने वाली दुकानों पर गए थे आरोपी’
एनआईए ने कोर्ट में कहा, ‘‘दोनों आरोपियों ने तंजानिया की यात्रा की थी। वहां अफ्रीकी देशों की बंदूकें बेचने वाली दुकानों में गए थे। तंजानिया में रमीज ने डायमंड बिजनेस का लाइसेंस लेने की कोशिश की। बाद में वे यूएई पहुंचे। वहां से सोना तस्करी कर केरल लाए। तंजानिया और दुबई दोनों ही ऐसी जगहों पर दाऊद इब्राहिम का ‘डी’गैंग एक्टिव है। तंजानिया में डी-कंपनी के मामले एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति फिरोज ओएसिस देखता है। हमें शक है कि आरोपी रमीज का लिंक डी-कंपनी से है।’’
दो आरोपियों ने जमानत याचिका वापस ले ली
गोल्ड स्मगलिंग मामले में बुधवार को दो आरोपियों स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर ने जमानत याचिका वापस ले ली। स्वप्ना सुरेश केरल स्टेट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीएल) में काम करती थी। यह आईटी डिपार्टमेंट के अंडर में आता है, जो कि केरल के सीएम के अंडर में है। तस्करी में नाम आने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया है। वह यूएई की पूर्व वाणिज्य अधिकारी भी रही है। वहीं, सरित कुमार तिरुवनंतपुरम में यूएई वाणिज्य दूतावास के ऑफिस में बतौर पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (पीआरओ) काम करता था। उसे छह जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
नवंबर 2019 में गिरफ्तार हुआ था रमीज
गोल्ड स्मगलिंग का आरोपी रमीज नवंबर 2019 में गिरफ्तार हुआ था। उसे 13.22 एमएम बोर की राइफल्स की स्मगलिंग करने के आरोप में पकड़ा गया था। उसकी गिरफ्तारी के समय गोल्ड स्मगलिंग जारी थी। एनआईए ने कोर्ट को बताया कि उनके पास आरोपी सरफुद्दीन की एक ऐसी तस्वीर भी है, जिसमें वह तंजानिया में हाथों में राइफल थामे नजर आ रहा है।
इस मामले में हो चुकी है केरल सरकार की आलोचना
इस मामले को लेकर केरल सरकार की आलोचना हो रही है। पहले मामले की जांच कस्टम डिपार्टमेंट ने शुरू की थी। खुद को वाणिज्य दूतावास का कर्मचारी बताकर सोना लेने पहुंचे सरित कुमार को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ की गई थी। राज्य के कुछ अफसरों से इसके तार जुड़े थे। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आईएस अधिकार एम शिवशंकर का नाम सामने आया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें पद से हटा दिया था। बाद में विदेश मंत्रालय ने जांच एनआईए को सौंपने की मंजूरी दे दी थी। इस बीच, बुधवार को केरल हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को शिवशंकर को 23 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया।
रॉ, एनआईए और सीबीआई की संयुक्त टीम जांच करे
कांग्रेस ने जुलाई में कहा था कि इस मामले के तार दूसरे देशों से जुड़े हुए हैं। लिहाजा, भारत के लिए विदेश में सूचनाएं जुटाने वाली खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) को भी जांच में शामिल करना चाहिए। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथाला ने कहा था- केरल की वर्तमान सरकार ने दुनियाभर में राज्य को बदनाम किया है। हमारी मांग है कि रॉ, एनआईए और सीबीआई की एक संयुक्त टीम को इस मामले की जांच करनी चाहिए। कांग्रेस के अगुवाई वाले यूडीएफ गठबंधन ने अपनी मांग को लेकर एक ऑनलाइन धरना भी दिया था।