UMC की लापरवाही, मासूम बच्चे की गई जान

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उल्हासनगर
. उल्हासनगर  में एक 8 वर्षीय बालक की नाली के खुले चेंबर  में गिरने से मौत हो गई।  मृतक लड़का पिछले 6 दिनों से घर से लापता  था।  स्थानीय नगरसेविका शुभांगी निकम  के जनसंपर्क कार्यालय के समीप एक ड्रेनेज टैंक में कल रात लड़के का शव मिला। इस घटना से परिसर में शोक व्याप्त हो गया है।

उल्हासनगर कैंप नंबर-2 के रमाबाई आंबेडकर नगर इलाके में रहने वाला 8 साल का लड़का यश भुजंग 22 दिसंबर को इलाके में खेल रहा था, लेकिन खेलते समय वह अचानक गायब हो गया।  काफी खोजबीन के बाद जब यश का पता नहीं चला तो उसके घर वालों ने उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

 रविवार की रात स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया कि कैंप-2 इलाके में एक बंद कंपनी में एक जल निकासी टैंक में एक शव दिखाई दे रहा है।  पुलिस ने मौके पर जाकर टैंक से शव को निकाला और शव परीक्षण के लिए भेज दिया। शव की परीक्षण रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि यश की दुर्घटना में मौत हुई या किसी ने उसकी हत्या कर चेंबर में डाल दिया है। यश भुजंग  ईसीएस इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा दूसरी का छात्र था। वह पढ़ाई में बहुत अच्छा था और अपने माता-पिता की वह  इकलौती संतान था। उसके पिता का कुछ साल पहले निधन हो गया था।

मृतक यश भुजंग की मां उषा भुजंग ने स्थानीय पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेरे बेटे की मृत्यु  मनपा और कंपनी के मालिक की लापरवाही के कारण हुई है। अगर उन्होंने समय पर चेंबर को कवर किया होता, तो मेरे बेटे की जान नहीं जाती, उषा ने दोषियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की है।

लेकिन सवाल है इन 6 दिनों में क्या किसी अधिकारी या कर्मचारी ने नहीं देखा कि यह मेनहोल खुला है ? हद तो ये है कि  किसी सफाई कर्मचारी ने भी  खुले मेनहोल को नहीं देखा जबकि उनकी यह ड्यूटी है। हद है निकम्मेपन की। ऐसे निकम्मे और नक्कारा अधिकारी व कर्मचारी पर मामला दर्ज होना चाहिए, ऐसी मांग सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की जाने लगी है। 


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