मुंबई। नाना पटोले को शुक्रवार को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।महाराष्ट्र विधानसभाध्यक्ष नाना पटोले ने वीरवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफा देने के बाद विधानसभाध्यक्ष पद के लिए महाविकास अघाड़ी में खींचतान शुरू हो गई है। नवंबर, 2019 में शिवसेना के नेतृत्व में बनी महाविकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बाला साहब थोरात को राजस्व मंत्री बनाया गया था। उसके बाद से प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन कोविड का दौर शुरू हो जाने के कारण ये बदलाव नहीं हो सका। हाल ही में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भाई जगताप की नियुक्ति के बाद प्रदेश कांग्रेस में भी बदलाव की चर्चा शुरू हो गई थी।Maharashtra नाना पटोले ने गुरुवार को पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस्तीफा देने के बाद विधानसभाध्यक्ष पद के लिए महाविकास अघाड़ी में खींचतान शुरू हो गई है।
पटोले ने पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत ठाकरे से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी जिरवाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। नए विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति तक जिरवाल ही यह जिम्मेदारी संभालेंगे। नाना पटोले ने 2014 का लोकसभा चुनाव गोंदिया से भाजपा के टिकट पर लड़कर राकांपा के दिग्गज नेता प्रफुल पटेल को हराया था, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा होने के पहले ही उनका भाजपा से मोह भंग हो गया और उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। 2019 का लोकसभा चुनाव वह नागपुर से नितिन गडकरी के खिलाफ लड़े और हार गए। अक्टूबर, 2019 में वह अपनी परंपरागत साकोली सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा में पहुंचे, और महाविकास अघाड़ी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष बने। भाजपा से बगावत कर लोकसभा सदस्यता छोड़ने के कारण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की निगाह में आए नाना पटोले को अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई।
इधर, अटकलें लगाई जा रही हैं कि विधानसभाध्यक्ष पद से नाना के हटने के बाद इस पद पर शिवसेना अपना दावा ठोक सकती है। साथ ही, वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहब थोरात को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस संभावना को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस के अंदरूनी बदलावों का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
पटोले ने पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत ठाकरे से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी जिरवाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। नए विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति तक जिरवाल ही यह जिम्मेदारी संभालेंगे। नाना पटोले ने 2014 का लोकसभा चुनाव गोंदिया से भाजपा के टिकट पर लड़कर राकांपा के दिग्गज नेता प्रफुल पटेल को हराया था, लेकिन अपना कार्यकाल पूरा होने के पहले ही उनका भाजपा से मोह भंग हो गया और उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। 2019 का लोकसभा चुनाव वह नागपुर से नितिन गडकरी के खिलाफ लड़े और हार गए। अक्टूबर, 2019 में वह अपनी परंपरागत साकोली सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा में पहुंचे, और महाविकास अघाड़ी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष बने। भाजपा से बगावत कर लोकसभा सदस्यता छोड़ने के कारण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की निगाह में आए नाना पटोले को अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई।
इधर, अटकलें लगाई जा रही हैं कि विधानसभाध्यक्ष पद से नाना के हटने के बाद इस पद पर शिवसेना अपना दावा ठोक सकती है। साथ ही, वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहब थोरात को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस संभावना को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस के अंदरूनी बदलावों का सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।