- मुंबई पुलिस ने गुरुवार को पौने 8 करोड़ के ऐमबरग्रीस के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया
- ऐमबरग्रीस एक तरह से स्पर्म वेल मछली की उल्टी होती है, जो समुद्र में तैरती हुई पाई जाती है
- भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत ऐमबरग्रीस की खरीद-बिक्री गैरकानूनी है
- इसी महीने बेंगलुरु पुलिस ने भी 6.7 किलो ऐमबरग्रीस के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया था
मुंबई- मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को पौने 8 करोड़ के ऐमबरग्रीस (Ambergris) के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। करीब एक हफ्ते पहले ही क्राइम ब्रांच ने तीन लोगों को ऐमबरग्रीस के साथ गिरफ्तार किया था। ऐमबरग्रीस एक तरह से स्पर्म वेल मछली की उल्टी होती है, जो समुद्र में तैरती हुई पाई जाती है। पिछले एक महीने में देश के बड़े शहरों से ऐमबरग्रीस (Ambergris cost in India) तस्करी के कई मामले सामने आए हैं। भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत ऐमबरग्रीस की खरीद-बिक्री गैरकानूनी है। इसी महीने बेंगलुरु पुलिस ने भी 6.7 किलो ऐमबरग्रीस के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया था। मार्केट में इतने ऐमबरग्रीस की कीमत करीब 8 करोड़ से ज्यादा है। पिछले महीने अहमदाबाद पुलिस ने भी तीन तस्करों को करीब 5.3 किलो ऐमबरग्रीस के साथ गिरफ्तार किया था।
क्या होता है ऐमबरग्रीस?
Ambergris ठोस मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ होता है। यह हल्के ग्रे या काले रंग का होता है। ऐमबरब्रीस विलुप्तप्राय हो चुकी स्पर्म वेल की आंतों में पाया जाता है। पानी के अंदर वेल मछलियां ऐसे कई जीव खाती हैं जिनकी नुकीली चोंच और शेल्स होती हैं। इन्हें खाने पर वेल के अंदर के हिस्से को चोट न पहुंचे इसके लिए ऐमबरग्रीस अहम होता है। सूरज और पानी के संपर्क में कई साल तक आने के बाद यह ग्रे, चट्टानी पत्थर में तब्दील हो जाता है। जो ऐमबरग्रीस ताजा होता है, उसकी गंध मल जैसी ही होती है, लेकिन धीरे-धीरे मिट्टी जैसी होने लगती है। इसे निकालने के लिए कई बार तस्कर वेल की जान तक ले लेते हैं।
क्यों इतनी बेशकीमती होती है वेल की उल्टी?
ऐमबरग्रीस की भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में इसकी तस्करी होती है और ज्यादातर देशों में इसकी खरीद-बिक्री पर सख्त रोक है। भारत में एक किलो वेल वॉमिट (Whale Vomit) की कीमत करोड़ों में है। ऐसे में यह जानना रोचक है कि आखिर वेल की उल्टी इतनी कीमती क्यों होती है? दरअसल इसका इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री में किया जाता है। इसमें मौजूद ऐल्कोहॉल का इस्तेमाल महंगे ब्रैंड परफ्यूम बनाने में करते हैं। इसकी मदद से परफ्यूम की गंध लंबे वक्त तक बरकरार रखी जा सकती है। इस वजह से इसकी कीमत बेहद ज्यादा होती है।