मुंबई फर्जी वैक्सीनेशन केस में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अब कहा जा रहा है कि खाली शीशियों में आसुत जल (Distilled Water) भरकर लोगों को वैक्सीन लगाई थी. फर्जी वैक्सीनेशन घोटाले की जांच के लिए अब मुंबई पुलिस ने एसआईटी गठित की है, जिसकी अगुवाई डीसीपी विशाल ठाकुर करेंगे. इस बीच कांदिवली फर्जी वैक्सीनेशन मामले दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में बताया कि शहर में 2 हजार से अधिक लोगों को नकली वैक्सीन लगाई गई है. पुलिस को शक है कि शीशियों में आसुत जल का उपयोग किया गया, अब नकली टीकाकरण रैकेट की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है.
सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच डीसीपी विशाल ठाकुर करेंगे. पुलिस को इन नकली टीकाकरण अभियानों को अंजाम देने के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल से 38 शीशियों की खरीद का संदेह है. साथ ही शक है कि एक दवा कंपनी ने कई जगहों पर नकली टीकाकरण अभियान चलाने के लिए खाली शीशियों का दुरुपयोग किया.
मुंबई पुलिस को एक डॉक्टर मनीष त्रिपाठी पर भी संदेह है, जो खरीद में मदद करता था. इस बीच डॉक्टर ने अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है, जिस पर 25 जून को सुनवाई होगी. पुलिस का कहना है कि एक गैंग ने खाली शीशियों को एकत्र किया और फिर मुंबई में हीरानंदानी हेरिटेज हाउसिंग सोसाइटी सहित कई स्थानों पर उपयोग में लाया.
क्या था खाली शीशियों में?
पुलिस सूत्रों को संदेह है कि खाली शीशियों में आसुत जल भरा हुआ था. आसुत जल के टीका लगाने वालों को कोई साइड इफेक्ट न हुआ. इस बीच चारकोप में स्थित शिवम हॉस्पिटल के दो स्टाफ को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, शिवराज और नीता पठारिया नाम के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.