मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्‍नर IPS अधिकारी परमबीर सिंह को जल्‍द निलंबित कर सकती है राज्‍य सरकार!, देबाशीष चक्रवती समिति की रिपोर्ट बनेगी आधार

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मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (फाइल फोटो).

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्‍नर वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह (Param bir singh) पर जल्‍द ही निलंबन की तलवार लटक सकती है. राज्‍य सरकार ने महाराष्ट्र सरकार ने आईएएस अधिकारी देबाशीष चक्रवती समिति की रिपोर्ट(Debashish Chakravarty committee report) के आधारों को स्वीकार कर लिया है. राज्य सरकार के शीर्ष सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र की उद्धव सरकार इस सप्ताह तक निलंबन की कार्रवाई शुरू कर सकती है.

जानकारी के अनुसार उक्त समिति ने आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह के निलंबन के लिए रिपोर्ट में कई आधारों का उल्लेख किया था. इस समिति का गठन राज्य सरकार द्वारा यह देखने के लिए किया गया था कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह के खिलाफ किस आधार पर निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है. बता दें कि परमबीर सिंह बीमारी की छुट्टी के बाद लापता हो गए थे और कई महीनों तक उनका पता नहीं चल पाया था.

अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही समिति के सामने पेश हुए परमबीर सिंह

इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे आयोग के सामने सोमवार को पेश हुए. सिंह के उपस्थित होने के बाद, न्यायमूर्ति के यू चांदीवाल आयोग ने उनके खिलाफ जारी जमानती वारंट को रद्द कर दिया और उनसे मुख्यमंत्री राहत कोष में 15,000 रुपये जमा करने को कहा.

इस साल मार्च में एक सदस्यीय आयोग का गठन तत्कालीन गृह मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पाार्टी (NCP) नेता देशमुख के खिलाफ सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए किया गया था.

ये है पूरा मामला

‘एंटीलिया’ बम कांड के बाद मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरित कर दिए गए सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों से शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था.

जबरन वसूली के एक मामले में यहां की एक अदालत द्वारा फरार घोषित सिंह छह महीने बाद पिछले गुरुवार को सार्वजनिक रूप से सामने आए और अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए. उच्चतम न्यायालय ने उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा दी है.

एक स्थानीय बिल्डर की शिकायत पर अपने और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले में सिंह शुक्रवार को ठाणे पुलिस के समक्ष पेश हुए. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कम से कम पांच मामले दर्ज हैं.

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