Anil Deshmukh Case Updates: अनिल देशमुख को कोर्ट से बड़ी राहत, संपत्ति जब्ती के संबंध में 10 जनवरी तक कार्रवाई नहीं करें

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relief to Anil Deshmukh, court says to not take action till January 10 regarding confiscation of property
File Photo: ANI

    मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निर्णय लेने वाले प्राधिकारी धन शोधन के मामले (Money Laundering Case) में महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) और उनकी पत्नी आरती देशमुख के संपत्ति की अस्थाई रूप से जब्त करने के बारे में सुनवाई कर सकता है और अंतिम आदेश भी पारित कर सकता है, लेकिन वह इस संबंध में 10 जनवरी तक कोर्द दंडात्मक कार्रवाई नही की जाए।

    न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने ईडी को निर्देश दिया कि वह धन शोधन मामले में अपनी संपत्तियों के अस्थाई रूप से जब्ती के एजेंसी के आदेश को चुनौती देने वाली आरती देशमुख की याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर करे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख को इस संबंध में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। याचिका में आरती देशमुख ने दावा किया है कि वह अपनी संपत्तियों की अस्थाई रूप से जब्ती संबंधी सुनवाई के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एजेंसी इस संबंध में कानून का पालन नहीं कर रही है।

    आरती के अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने इससे पहले दलील दी थी कि धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कानून के अनुरुप न्यायिक प्राधिकार तीन सदस्यीय होना चाहिए। इसमे एक अध्यक्ष और दो सदस्य होने चाहिए, जिनमें से एक कानूनी पृष्ठभूमि से होना चाहिए। चौधरी ने दलील दी, ‘‘वर्तमान में इस प्राधिकार में सिर्फ एक सदस्य ही है, जिनकी कोई कानूनी पृष्ठभूमि नहीं है।” पिछले सप्ताह जब याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया गया था, तब पीठ ने कहा था कि प्राधिकार सुनवाई कर सकता है लेकिन उसे अंतिम आदेश पारित नहीं करना चाहिए।

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