पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने मुंबई में NCP चीफ शरद पवार से मुलाकात की। दोनों के बीच शरद पवार के घर सिल्वर ओक अपार्टमेन्ट में मुलाकात हुई। इससे पहले ममता ने मुंबई के वाईबी चव्हाण हॉल में सिविल सोसाइटी के लोगों से मुलाकात की। यहां उन्होंने कहा- अगर सभी रीजनल पार्टीज एक साथ आ जाये तो भारतीय जनता पार्टी को आसानी से हराया जा सकता है।
ममता ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा,'अगर कोई कुछ करता नहीं और विदेश में रहेगा तो कैसे चलेगा।' ममता से जब यह पूछा गया कि क्या वे केंद्र सरकार के विरुद्ध विपक्ष का चेहरा बनेंगी, तो उन्होंने कहा कि वे एक छोटी वर्कर हैं और वर्कर ही बनी रहना चाहती हैं। हालांकि वे यह भी बोलीं कि जो खुद पर भरोसा रखते हैं, वही सबकुछ कर पाते हैं।
अगले साल 5 राज्यों में चुनाव से पहले मुलाकात के सियासी मायने
ममता की कांग्रेस से बढ़ती दूरी और तीसरे मोर्चे की आहट के बीच पवार के साथ उनकी मुलाकत के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ये मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। मंगलवार को ममता आदित्य ठाकरे और संजय राऊत से भी मिली थीं। इस मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों से कहा था कि हम उनका मुंबई में स्वागत करते हैं। हम इस दोस्ती को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
बीमार उद्धव से नहीं मिल पाई थीं ममता
ममता मंगलवार को सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन करने भी गई थीं। वे हॉस्पिटल में एडमिट CM उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात करने वाली थीं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। शिवसेना ने बयान में कहा कि तबियत खराब होने की वजह से ममता की मुलाकात राज्य के सीएम और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से नहीं कर सकेंगे। मुंबई आने से पहले ममता दिल्ली में थीं। उस दौरान कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, हरियाणा के पूर्व कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर, जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने TMC का दामन थामा था।
लगातार बड़े नेता TMC में शामिल हो रहे
TMC में दूसरी पार्टियों से आने वालों का सिलसिला जारी है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हो रहा है। असम और मेघालय में कांग्रेस के कई नेताओं ने TMC का दामन थामा है। ममता के कुछ समय पहले दिल्ली आने पर सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन ये मुलाकात नहीं हुई। इसके बाद से ही राजनीतिक हलकों में दोनों के बीच दूरी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आई हैं। दोनों के बीच बढ़ती दूरी संसद शीतकालीन सत्र के दौरान भी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।