मुंबई यूनिवर्सिटी में अवैध फिल्मांकन मामले में सरकारी अनुमति, कानूनी सलाह और टेंडर की अनदेखी!

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मुंबई यूनिवर्सिटी के कलिना परिसर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान को मुंबई यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सरकार की अनुमति के बिना फिल्मांकन के आठ महीने के लिए लीज पर दिया है। मुंबई यूनिवर्सिटी ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को चौंकाने वाली जानकारी दी है कि सरकारी अनुमति नहीं ली ना कोई कानूनी सलाह नहीं ली गई है और ना ही कोई टेंडर आमंत्रित किया। 5 एकड़ जमीन 75 लाख रुपये पर 8 महीने के लिए लीज पर है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई यूनिवर्सिटी से सिद्धेश एंटरप्राइजेज को फिल्मांकन के लिए आवंटित 5 एकड़ जमीन के बारे में विभिन्न जानकारी मांगी थी। मुंबई यूनिवर्सिटी के उप कुल सचिव अशोक घुले ने अनिल गलगली को सूचित किया कि महाराष्ट्र सरकार से अनुमति के संबंध में मुंबई यूनिवर्सिटी के साथ कोई पत्राचार नहीं किया गया है। साथ ही, मुंबई यूनिवर्सिटी के कलिना कैंपस में मेसर्स सिद्धेश इंटरप्राइजेज को फीचर फिल्म शूटिंग के लिए पांच एकड़ भूमि के आवंटन के लिए कोई टेंडर आमंत्रित नहीं किया।
अनिल गलगली के अनुसार मुंबई यूनिवर्सिटी के लिए बेहतर होता कि शिक्षा के पवित्र मंदिर में इस तरह की गलत नींव नहीं रखी जाती। ऐसे राजस्व के मामले में सरकार से अनुमति लेकर कानूनी सलाह मशविरा कर टेंडर जारी किया गया होता तो किराया करोड़ों में प्राप्त हो सकता था। क्योंकि मुंबई के गोरेगांव में फिल्मसिटी का किराया ज्यादा है। वहां के रेट जानना जरूरी था। इस मामले में कुछ राजनेताओं की मिलीभगत की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। अनिल गलगली ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
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