Century Rayon में गई जान...पुलिस प्रशासन खामोश?

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उल्हासनगर : सेंचुरी रेयान कंपनी के व्हिसकोस प्रोडक्शन में काम करने वाले एक 48 वर्षीय कामगार का डिझाल्वर में गिरने से दर्दनाक मौत हो गई है। उल्हासनगर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक कामगार का नाम अनिल कुमार रामनारायण झा बताया जा रहा है जो बिहार का रहने वाला था। घटना बुधवार 13 अप्रैल सुबह साढ़े 5 बजे की है। बताया जाता है कि अनिल कुमार झा नामक कामगार व्हिसकोस प्रोडक्शन में काम कर रहा था। सुबह उसे डिझाल्वर में गिरा पाया गया। घटना की सूचना मिलने के बाद एपीआई प्रवीण घुटूगडे घटनास्थल पर पहुंचे और फायरकर्मियों की मदद से उसे बाहर निकाला गया। उसके बाद अनिल को अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार से पहले ही डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया है। इस मामले में सेंचुरी कंपनी के पीआरओ ने मृतक को ही शराबी घोषित करते हुए कंपनी को पाक साफ बताया। उल्हासनगर पुलिस इस पूरे मामले में सिर्फ एडीआर दर्ज कर मामले की लीपापोती में जुट गई है।


एक ही थाली के चट्टे बट्टे
उल्हासनगर मनपा आयुक्त, उल्हासनगर डीसीपी जोन 4 और उल्हासनगर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मुफ्त में ही रेयान सेंचुरी के कॉटेज में रहते हैं, मुफ्त में खाते पीते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कंपनी किसके लिए ये सारी सुविधाएं देती है? अभी भी सिर्फ एडीआर दर्ज हुआ है, जबकि कंपनी के ऊपर धारा 304 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए था। लेकिन क्या करें, पुलिस इनका साथी है, इसीलिए इनका गाती है।

मामला दबाने में जुटा पुराना अधिकारी 
इस पूरे मामले में चितलांगे का नाम सामने आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि हमेशा से ऐसे मामले को घुमाने में उस्ताद चितलांगे मुंबई ऑफिस में बैठकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ छुटभैये गुंडे भी झोलाछाप नेताओं से मिलकर मामले को दबाने में लगे हुए हैं।

कंपनी पर सवाल
कंपनी आरोप लगा रही है कि मजदूर नशे में था। ऐसे में सवाल उठता है कि हजारों लोग इस कंपनी में काम करते हैं। सबसे बड़ा हॉस्पिटल कंपनी के पास है। लाखों रुपये कंपनी कमर्चारियों के स्वास्थ्य पर खर्च करती है। जब कंपनी में शिफ्ट चालू हुई होती है तो क्या कोई चेक नहीं करता कि ये शराब पिया हुआ है? एक तरफ जब हम रोड पर वाहन चलाते हैं तो कॉन्स्टेबल भी चेक करता है कि आदमी दारू पीकर गाड़ी चला रहा है या नहीं। लेकिन इतनी बड़ी कंपनी में जहाँ हजारों लोग काम करते हैं, क्या वहां किसी प्रकार के चेकिंग की व्यवस्था नहीं है?  अगर ऐसा है तो इस कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। ऐसे में कल को कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है, ऐसा सवाल आम जनता के मन में है।  

अगले अंक में पढ़े 'कंपनी का जानलेवा रवैया'






 

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