शिंदे या उद्धव ठाकरे…किसकी दशहरा रैली में आई ज्यादा भीड़? मुंबई पुलिस ने बताया

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महाराष्ट्र में कल दशहरा के मौके पर जो कुछ हुआ, वह लंबे समय तक याद रखा जाएगा. इतिहास में पहली बार शिवसेना की एक ही समय दो अलग अलग रैलियां हुईं. एक रैली शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने की तो दूसरी रैली मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने आयोजित की. दोनों रैलियों में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच तलवारें खिंच गईं. शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से आयोजित दशहरा रैलियों में गद्दार, बागी, बगावत जैसे शब्दों की गूंज सुनाई दी. दिलचस्प सवाल यह है कि इन दोनों रैलियों में सबसे ज्यादा भीड़ किसकी रैली में आई. इस सवाल का जवाब मुंबई पुलिस ने दिया है.


मुंबई पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि कल दशहरा के मौके पर सबसे ज्यादा भीड़ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की रैली में आई. इस रैली में करीब दो लाख लोग इकट्ठा हुए, जबकि उद्धव ठाकरे की रैली में इसका 50 फीसदी यानी सिर्फ एक लाख लोग मौजूद रहे. उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में रैली की थी, जबकि एकनाथ शिंदे ने बीकेसी पार्क में रैली की.जून में महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद इन दोनों रैलियों में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने शक्ति प्रदर्शन किया.


ठाकरे ने 43 मिनट, शिंदे ने डेढ घंटे दिया भाषण

उद्धव ठाकरेने जहां करीब 43 मिनट लंबा भाषण दिया, वहीं बीकेसी में शिंदे का भाषण करीब डेढ घंटे तक चला. शिवाजी पार्क में शिवसेना साल 1966 से ही दशहरा रैली का आयोजन करती रही है. शिवाजी पार्क की दशहरा रैली में जहां उद्धव ठाकरे ने शिंदे और उनके समर्थकों को सत्ता के लिए भाजपा से हाथ मिलाने को लेकर विश्वासघाती बताया, वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को जनादेश मिलने के बावजूद एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाकर ठाकरे ने जनता को धोखा दिया है.


ठाकरे से अलग होना गद्दारी नहीं, बल्कि गदर- शिंदे

एकनाथ शिंदे ने ठाकरे से जून में अलग होने को गद्दारी नहीं, बल्कि गदर करार दिया और उद्धव ठाकरे से कहा कि कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिलाकर बाल ठाकरे के मूल्यों से समझौता करने के लिए उन्हें अपने दिवंगत पिता के स्मारक के सामने घुटने टेककर माफी मांगनी चाहिए.

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