अब गोवा राज्य से महाराष्ट्र में अवैध रूप से शराब लाना महंगा पड़ सकता हैं, क्योंकि सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने की फिराक में है. महाराष्ट्र राज्य के एक्साइज मंत्री ऐसे लोगों पर मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम) की धारा के तहत कार्रवाई हो, ऐसा सुझाव जल्द ही सरकार को देने वाले है. गोवा राज्य में शराब की कीमत महाराष्ट्र से कम है. जिसके चलते महाराष्ट्र से जो सैलानी गोवा जाते हैं, वो अपने साथ शराब की बोतल लेकर आते है. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार, जो पर्ची गोवा के वाइन शॉप से शराब का परमिट करके मिलती है, वो महाराष्ट्र में लागू नहीं होती. ज्यादा से ज्यादा शराब बिके, इसलिए दुकानदार ये शराब का परमिट देते है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसी शराब को एक्साइज डिपार्टमेंट अवैध शराब मानता है.
मंत्री शंभुराजे देसाई के अनुसार, मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम) लगाने का प्रस्ताव सरकार को जल्द ही सुझाया जाएगा, लेकिन इसपर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ हैं. लेकिन अवैध रूप से शराब की तस्करी करने वाले समूह अगर बार-बार ये काम करते हुए पकड़े जाएंगे, तो उनपर कार्रवाई करना अनिवार्य है. ऐसे में राज्य रेवेन्यू में आ रहे लॉस देखकर उनपर मकोका जैसा कानून लगाना चाहिए. प्रशासन का यह भी कहना हैं कि महाराष्ट्र में जो शराब तैयार होती है, उसकी बिक्री पर इस तरह की अवैध शराब तस्करी का असर होता है.
गोवा से सटे सिंधुदुर्ग-कोल्हापुर जिलों में पैनी नजर
महाराष्ट्र का सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर दोनों सीमावर्ती जिले गोवा राज्य से सटे हैं. प्रशासन के अनुसार, यही से बड़े पैमाने पर लोग सड़क के जरिए अपनी गाड़ी के माध्यम से साथ शराब लेकर आते है. इसलिए, प्रशासन अब इन दो जिलों में नाकाबंदी करेगी और फ्लाइंग स्क्वाड के माध्यम से रेड भी करेगी. प्रशासन के अनुसार, गोवा से जो अवैध शराब महाराष्ट्र में आती है, वो आगे दूसरे राज्यों में भी बेची जाती हैं, इसलिए कड़े कदम उठाना अनिवार्य होगा.
कांग्रेस नेता ने जताया कड़ा विरोध
मकोका लगाने की इस कल्पना का कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कड़ा विरोध करते हुए मंत्री शंभुराजे देसाई की आलोचना भी की. कहा कि क्या ये शिंदे-फडणवीस की सरकार उत्तर प्रदेश मॉडल, महाराष्ट्र मे लागू करना चाहती हैं? मकोका छोड़कर कोई और दूसरा क़ानून नहीं हैं, जिसके तहत कार्रवाई की जा सके? क्या इस सरकार को मकोका क़ानून का ज्ञान भी हैं?