दशहरा पर शिंदे कैंप और उद्धव गुट के बीच महासंग्राम, जानें कैसी है मुकाबले की तैयारी

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दशहरा रैली को लेकर शिंदे कैंप (Shinde Camp) और उद्धव गुट (Uddhav Thackeray Group) के बीच महासंग्राम देखने को मिल रहा है. शिंदु गुट के विधायक उदय सामंत (Uday Samant) ने अपने समर्थकों से कहा है कि "हमें मुंबई में शिंदे साहब का दबदबा दिखाना चाहिए. कोई ये ना कहे कि मुंबई में उनके समर्थक नहीं हैं." बुधवार को एकनाथ शिंदे बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में रैली को संबोधित करेंगे.


शिवाजी पार्क और शिवसेना का इतिहास


शिंदे गुट की तरह ही उद्धव गुट भी दशहरा रैली की तैयारियों में लगा हुआ है. ठाकरे समूह के दादर संभाग के प्रमुख महेश सावंत ने कहा कि देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया था कि वे इस कार्यक्रम में ताकत दिखाने के लिए जरूर पहुंचे. दशहरा कार्यक्रम का शिवसेना के लिए विशेष महत्व है. 1966 से, जिस वर्ष पार्टी की स्थापना हुई थी, संस्थापक बाल ठाकरे (Bal Thackeray) ने शिवाजी पार्क में दशहरा पर एक वार्षिक रैली (Shivaji Park Dussehra Rally) को संबोधित किया. मध्य मुंबई का मैदान शिवसेना के लिए कई यादें रखता है. यह वह जगह थी, जहां पार्टी की स्थापना हुई थी और जहां इसके पहले मुख्यमंत्री ने 1995 में शपथ ली थी. यहीं 2012 में बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार किया गया था.


उद्धव ठाकरे ने जीती कानूनी लड़ाई



पूरे महाराष्ट्र में विधानसभा में शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से 40 विधायकों ने शिंदे के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है. लोकसभा में शिवसेना के 18 में से 12 सांसद भी हैं, लेकिन लड़ाई अभी भी जमीन पर चल रही है. प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क लंबे नौकरशाही और कानूनी संघर्ष का केंद्र बन गया था, क्योंकि ठाकरे और शिंदे दोनों ने दशहरे पर वहां रैलियां आयोजित करने का दावा किया था.


23 सितंबर को मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने ठाकरे गुट को दादर मैदान में अपना कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी. एक हफ्ते पहले मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने शिंदे समूह को अपने आयोजन के लिए बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक मैदान का उपयोग करने की अनुमति दी थी. 


यह आश्चर्य की बात नहीं है कि धार्मिक त्योहार पार्टी की विरासत का दावा करने की कोशिश कर रहे शिवसेना गुटों के बीच रस्साकशी का खेल बन गए हैं. पार्टी ने अपनी अपील को मजबूत करने के लिए लंबे समय से धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का इस्तेमाल किया है. जैसा कि उद्धव ठाकरे समूह के प्रवक्ता हर्षल प्रधान ने कहा, "बालासाहेब [बाल ठाकरे] ने हमें लोगों को जीतने के लिए 80% सामाजिक कार्य और 20% राजनीति करने के लिए कहा."


आगामी निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बाल ठाकरे की शिवसेना के संस्करण की तर्ज पर एक संगठनात्मक ढांचे और एक जमीनी स्तर के कैडर को फिर से बनाने के प्रयास में नए पार्टी अधिकारियों को नियुक्त करने की होड़ में हैं. अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में विभाग प्रमुख या मंडल प्रमुख नियुक्त किए गए थे. अब निचले स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है.


विधायकों को मिला टारगेट


एक नवनियुक्त शाखा प्रमुख ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए स्क्रॉल डॉट इन को बताया कि प्रत्येक विधायक को 5,000 लोगों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. प्रत्येक विधायक के अधीन विभाग प्रमुख और शाखा प्रमुखों को भी लक्ष्य दिया गया है. शाखा प्रमुख ने कहा, "प्रत्येक बूथ स्तर के कार्यकर्ता के पास लगभग 800 मतदाता हैं. हमारा उद्देश्य रैली के लिए अधिक से अधिक लोगों को आकर्षित करना है."


बुधवार को शिंदे गुट के विभाग प्रमुखों ने तैयारियों पर चर्चा करने के लिए दक्षिण मुंबई के गरवारे हॉल में बैठक की. उत्तर पूर्वी मुंबई में सायन-कोलीवाड़ा और चेंबूर क्षेत्र के एक विभाग प्रमुख अविनाश साने ने कहा, "हमें लोगों के लिए पार्किंग और बैठने की व्यवस्था के बारे में चर्चा करनी थी. हमारी योजना 2 लाख से 2.5 लाख लोगों की सभा आयोजित करने की है."


शिंदे गुट के सामने बड़ी चुनौती


हालांकि, कई शिंदे समर्थक मानते हैं कि दादर से एमएमआरडीए मैदान तक भीड़ को खींचना एक बड़ी चुनौती होगी. चूंकि शिवाजी पार्क दशहरा रैली का पारंपरिक स्थल है, इसलिए दोनों गुटों ने वहां अपनी रैलियां आयोजित करने की अनुमति के लिए नगर निगम में आवेदन किया था. 


ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना ने 22 अगस्त को अपना आवेदन दिया, जबकि शिंदे गुट ने 30 अगस्त को ऐसा किया. दबाव में बृहन्मुंबई नगर निगम ने अदालत के निर्देश दिए जाने तक दोनों गुटों को अनुमति देने से इनकार कर दिया था. 


ठाकरे गुट की तैयारी


ठाकरे गुट के दादर में विभाग प्रमुख महेश सावंत शिवाजी पार्क में रैली की देखरेख कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमें सभी व्यवस्था करने के लिए दो दिनों की आवश्यकता होगी. हम इसे हर साल करते हैं." उन्होंने कहा कि बंगाल क्लब द्वारा वर्तमान में पार्क में एक दुर्गा पूजा पंडाल बनाया गया है और  नवरात्रि के बाद इसे हटाया जाएगा.


सावंत ने कहा, "हर साल देश भर से एक लाख से अधिक सैनिक आते हैं. इस बार हमारे पास पूरे शहर में पार्क और बैनरों की परिधि को कवर करने वाले शिवसेना के 100-150 झंडे होंगे." उन्होंने बताया कि हर साल की तरह रावण का पुतला फूंका जाएगा और चुनिंदा नेताओं द्वारा राजनीतिक भाषण दिए जाएंगे. सबसे आखिरी में उद्धव ठाकरे रैली को संबोधित करेंगे.

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