मुंबई: हर साल मुंबई में आयोजित होने वाले शिवसेना के दशहरा रैली में शिवसैनिकों और कई आम लोगों के साथ-साथ राज्य भर के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल होते हैं. हालांकि, इस साल शिंदे गुट के बगावत के बाद शिवसेना ठाकरे गुट और शिंदे गुट की दो दशहरा सभाएं 5 अक्टूबर को मुंबई में होने जा रही है. इसलिए, मुंबई के डब्बावाले, जो हर साल शिवसेना की दशहरा सभा में शामिल होते हैं, वे अब उत्सुक हैं कि इस साल दशहरा रैली किसका है.
वहीं मुंबई के डब्बावालों ने पिछले कई सालों से महाराष्ट्र समेत देश में एक अलग पहचान बनाई है. पिछले कई वर्षों से मुंबई और महाराष्ट्र की आवाज बनकर रहने वाले डब्बावाले हमेशा बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना को समर्थन दिया है. इसी तरह शिवसेना भी मुंबई के डब्बावालों के पीछे मजबूती से खड़ी नजर आई है.
शिवसेना में बालासाहेब के विचार सुनने के लिए डब्ब्बेवालें हर साल शिवाजी पार्क जाते है. वहीं बालासाहेब की मृत्यु के बाद भी डब्बावाले लोग उद्धव ठाकरे के विचारों में शामिल होते थे. हालांकि शिवसेना में दो गुटों के चलते इस साल उनके बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है.
शिवसेना में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद इस बार दो दशहरा सभाएं हो रही हैं. इसलिए हर साल शिवसेना की बैठक में जा रहे डब्बेवाले इस साल किसकी सभा में जायेंगे, इस बात की जोरदार चर्चा हो रही है.
वहीं दूसरी ओर मुंबई डबेवाला के आधिकारिक संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि वे दोनों गुटों की दशहरा रैली में शामिल नहीं होंगे. उधर, मुंबई डबेवाला एसोसिएशन के सुभाष तलेकर संगठन ने स्पष्ट किया है कि हम शिवसेना ठाकरे गुट की दशहरा रैली में जाएंगे.
इसलिए डब्बेवालों के संघों में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. इस पर एक आधिकारिक संगठन मुंबई डबेवाला ने भी कहा है कि अनौपचारिक तलेकर संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण नहीं है.
हर साल शिवसेना के दशहरा रैली में जाने वाले मुंबई डब्बावाला संगठन ने फैसला लिया है कि इस साल हम किसी को समर्थन नहीं देंगे न शिंदे को न ठाकरे गुट को. क्योंकि एक फैसला लेने से डब्बेवालों का नुकसान हो सकता है. इसी वजह से मुंबई के डब्बेवालें इस साल किसी दशहरा सभा में नहीं जाएंगे.