महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार नहीं टिकेगी, गिर जाएगी. यह तो कई लोग बता रहे हैं. लेकिन कोई वह तारीख नहीं बता रहा है कि महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार कब गिरेगी? पहली बार शिंदे-फडणवीस सरकार गिरने की तारीख शरद पवार की पार्टी एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने बताई है. जयंत पाटील ने कहा कि शिरडी में चल रहे एनसीपी के इन दो दिनों के अधिवेशन के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार गिरने वाली है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी वजह भी बताई है.
जयंत पाटील ने कहा कि जब शिरडी में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था, तो महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी, अब एनसीपी का अधिवेशन हो रहा है तो शिंदे-फडणवीस सरकार गिरेगी. यहां जब-जब किसी पार्टी का अधिवेशन होता है तो उस वक्त की सरकार गिर जाती है.
अजित पवार ने भी कहा शिंदे-फडणवीस सरकार तभी तक चलेगी, जब तक…
जयंत पाटील के सुर में सुर मिलाते हुए विधानसभा में विपक्षी नेता अजित पवार ने भी कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार तभी तक चलेगी जब तक उनके पास 145 का आंकड़ा है. यह आंकड़ा जैसे ही गया, शिंदे फडणवीस सरकार गिर जाएगी. दरअसल अजित पवार शिंदे फडणवीस सरकार के गिरने के दो संकेतों की ओर इशारा कर रहे थे.
शिंदे फडणवीस सरकार के गिरने के दो संकेत
शिंदे फडणवीस सरकार के गिरने के दो संकेत सामने आ रहे हैं. एक संकेत तो यह है कि सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की जो ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई हो रही है, उसमें अगर सुप्रीम कोर्ट ने 16 विधायकों (एकनाथ शिंदे समेत) की विधायकी रद्द कर दी, तो शिंदे फडणवीस सरकार अल्पमत में आ जाएगी और गिर जाएगी. दूसरा संकेत यह है कि मंत्रिमंडल का विस्तार होने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि शिंदे की मजबूरी है कि किसे मंत्री बनाएं और किसे नहीं.
शिंदे गुट के अंदर बेचैनी शुरू, कुछ विधायक ठाकरे गुट में लौटने को बेकरार
साथ लाने के लिए तो सबको मंत्रीपद का लॉलीपॉप दिया गया था. कल ही प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कड़ू ने फिर हमारे सहयोगी न्यूज चैनल TV9 को मराठी को दिए गए अपने इंटरव्यू में यह दोहराया कि उनसे वादा किया गया था कि वे मंत्री बनाए जाएंगे. वे महाविकास आघाड़ी सरकार में राज्यमंत्री थे.लेकिन अब तक उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया है. एकनाथ शिंदे के समर्थक 50 विधायकों में से 40 तो ठाकरे गुट के हैं और10 निर्दलीय हैं. जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और जिन्हें मंत्रीपद नहीं मिलेगा, उनका असंतोष फूटेगा और वे फिर ठाकरे गुट में लौटने के लिए छटपटाएंगे.
मातोश्री का दरवाजा खुला है, खुला ही रहेगा…सुबह का भूला शाम तक लौटे तो
कल ही ठाकरे गुट की नेता सुषमा अंधारे ने दावा किया है कि शिंदे गुट के विधायक संदय शिरसाट समेत कुछ विधायक फिर से ठाकरे गुट से संपर्क बढ़ा रहे हैं और वापस लौटना चाह रहे हैं. उन्होंने यह भी दोहराया कि मातोश्री के दरवाजे अब भी बंद नहीं हुए हैं.
यह बात उठी यहां से, बीजेपी सांसद के बयान से
दरअसल यह बात बीजेपी के सांसद सुजय विखे पाटील के उस बयान से शुरू हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि शिरडी में जब कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था, तब शिवसेना टूट गई थी. अब एनसीपी का दो दिनों का अधिवेशन शुरू है. एनसीपी के इस दो दिनों के मंथन शिविर के बाद एनसीपी टूट जाएगी. एनसीपी के कई नेता शिंदे गुट के संपर्क में हैं.
इसी के जवाब में जयंत पाटील ने कहा कि यह बात सही है कि कांग्रेस के अधिवेशन के बाद शिवसेना में फूट पड़ी और तत्कालीन सरकार गिर गई. यानी शिरडी में किसी पार्टी का अधिवेशन होता है तो उस वक्त की सरकार गिर जाती है. इस वक्त एनसीपी का अधिवेशन शुरू है. सरकार शिंदे-फडणवीस की है. इसलिए अगले दो दिनों में शिंदे-फडणवीस की सरकार गिरेगी. एनसीपी में फूट की कोई गुंजाइश नहीं. इस वक्त एनसीपी राज्य की सबसे सक्षम और समर्थ पार्टी है.