इधर, बुधवार शाम सोशल मीडिया के माध्यम से चरित्रहीन और नशेड़ी एसीपी विशाल ढुमे निलंबित होने की जानकारी आम नागरिकों को मिलते ही शहरवासियों में खुशी की लहर दौड़ी है। नागरिकों ने सोशल मीडिया पर ढुमे के निलंबित होने के जारी आदेश का स्वागत किया है। बता दें कि मंगलवार को सांसद इम्तियाज जलील ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर चर्चा की थी। उसके बाद सांसद जलील ने पुलिस प्रशासन को चेताया था कि बुधवार की शाम तक चरित्रहीन एसीपी विशाल ढुमे को निलंबित किया जाए वरना शुक्रवार को औरंगाबाद शहर बंद रखकर सीपी कार्यालय पर मोर्चा निकाला जाएगा। विशेषकर, सांसद जलील ने राज्य के पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ से भी दूरभाष पर बातचीत कर एसीपी ढुमे को तत्काल निलंबित करने की मांग की थी। 

दानवे के दबाव का भी पुलिस पर पड़ा असर

वैसे, घटना बीते रविवार की सुबह उजागर होने के सुबह ही राज्य विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने सिटी चौक पुलिस स्टेशन पहुंचकर एसीपी ढुमे को निलंबित करने की मांग की थी। पुलिस के आला अधिकारी तो विशाल ढुमे के खिलाफ मामला दर्ज करने से भी कतरा रहे थे। परंतु दानवे ने रविवार की सुबह ही राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर संपर्क कर नशेड़ी और चरित्रहीन एसीपी विशाल ढुमे के हरकतों से उन्हें अवगत कराते हुए तत्काल उसे निलंबित करने की मांग की थी। दानवे बुधवार शाम एक ट्वीट कर एसीपी विशाल ढुमे को निलंबित किए जाने के आदेश का स्वागत कर कहा कि शिवसेना हमेशा माँ और बहनों की सुरक्षा के लिए तत्पर है। दानवे द्वारा डाले गए दबाव और सांसद जलील द्वारा शहर बंद रखकर सीपी कार्यालय पर मोर्चा निकालने दी गई धमकी के बाद गृह मंत्रालय ने बुधवार की दोपहर एसीपी ढोले को निलंबित करने के आदेश जारी किए।