बदलापूर एमआईडीसी से कम होगा 80 फीसदी प्रदूषण

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राजस्थान, तारापुर के बाद अब बदलापुर एमआईडीसी में अपग्रेड DAF (डिज़ॉल्व्ड एयर फ्लोटेशन) प्लांट कार्यरत

बीसीईटीपीए के रासायनिक मिश्रित पानी प्रक्रिया DAF द्वारा तेजी से स्वच्छ होता हैं रासायनिक मिश्रित पानी

बदलापूर : बदलापुर में बीसीईटीपीए बेहतर परिणामों के लिए प्राथमिक प्रक्रिया प्रणाली को अपग्रेड करने के लिए DAF (डिज़ॉल्व्ड एयर फ्लोटेशन) स्थापित किया है, जो बड़ी तेजी से रासायनिक मिश्रित पानी को स्वच्छ करेगा, जिससे बदलापूर एमआईडीसी मे 80 फीसदी प्रदूषण कम होगा. इसके पहले राजस्थान और तारापुर में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है ऐसी जानकारी सीईटीपी के चेयरमैन भाविक शाह ने दी हैं. 

◆ एमआईडीसी, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण और वन मंत्रालय के द्वारा इस प्रकल्प को लगाया गया है. इसके प्लांट के सुरुवात के समय चेयरमैन भाविक शाह के साथ राजकुमार मुशैब, शशांक सिनाल्कर, आशुतोष देवल, कन्नन आर थेवर, प्रभाकर कुलकर्णी, सुमित जैन, विजयसिंह राजपुरोहित आदि मौजूद रहे. 

◆ बदलापुर एमआईडीसी कुल 291 उद्योग हैं, मुख्य रूप से कपड़ा, रसायन और इंजीनियरिंग की कंपनियां हैं. जिनमें 140 उद्योग द्वारा रासायनिक पानी प्रक्रिया के लिए सीईटीपी में छोड़ते हैं. इन कंपनियों द्वारा दिन में औसतन 7 एमएलडी रासायनिक मिश्रित पानी आता हैं, इसे प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक उपचार के माध्यम से सीईटीपी में प्रक्रिया किया जाता है, एमपीसीबी निर्धारित गाइडलाइन को पूरा करने के बाद पानी को एमआईडीसी बंद पाइपलाइन के माध्यम से वालधुनी खाड़ी में छोड़ा जाता हैं.

◆ बीसीईटीपीए बेहतर परिणामों के लिए प्राथमिक प्रक्रिया प्रणाली को अपग्रेड करने के लिए DAF (डिज़ॉल्व्ड एयर फ्लोटेशन) स्थापित किया है. DAF एक भौतिक/रासायनिक विधि है जिसका उपयोग औद्योगिक अपशिष्ट जल के प्रक्रिया के लिए किया जा सकता है. प्रक्रिया लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए डीएएफ सिस्टम का उपयोग करके तेल और ग्रीस के साथ-साथ कुल ठोस रसायन को हटा दिया जाता है. पर्यावरण को समतोल रखने के लिए एमआईडीसी की कंपनियों द्वारा ड्रेनेज लाइन के माध्यम से छोड़ा जाने वाला रासायनिक पानी पर प्रक्रिया के लिए परियोजना वर्ष 2002 में शुरू की गई हैं.

◆ इसके अलावा हम जैविक अपशिष्ट जल उपचार प्रक्रिया के साथ अल्ट्राफिल्ट्रेशन के लिए मेम्ब्रेन बायो रिएक्टर (एमबीआर) स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. मेम्ब्रेन बायोरिएक्टर प्रक्रियाएं मुख्य रूप से माइक्रोफिल्ट्रेशन (एमएफ) का उपयोग करके माध्यमिक उपचार के लिए उपयोग की जाती हैं. सस्पेंडेड पदार्थ सामग्री, (रोगजनक) बैक्टीरिया और सीओडी के संदर्भ में एक बहुत अच्छी गुणवत्ता प्राप्त की जा सकती है.

◆ इस प्रक्रिया में कीचड़ को गाढ़ा किया जाता है और पोत की लंबाई के साथ उत्तरोत्तर निर्जलित किया जाता है, जिसमें आंतरिक स्क्रू प्रेस के माध्यम से निश्चित और घूमने वाले लोहे के प्लेट की एक श्रृंखला शामिल होती है, जो डिवाटरिंग प्रक्रिया में सस्पेंडेड ठोस रसायन को एक साथ बांधने के लिए डिस्क स्क्रू प्रेस पॉलिमर का उपयोग करता है. फिर इन ठोस पदार्थों को डिस्क स्क्रू प्रेस द्वारा आसानी से हटा दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अपशिष्ट जल का बहुत आसान, स्वच्छ उपचार और कीचड़ की मात्रा बहुत कम हो जाती है.

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