मुंबई/उल्हासनगर। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) को महाराष्ट्र में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। डीआरआई ने मुंबई में 3.35 किलोग्राम सोना बरामद किया है। इसकी कीमत करीब 2.1 करोड़ रुपये बताई जा रही है। डीआरआई ने खुफिया इनपुट के आधार पर यह कार्रवाई की है। पुलिस ने सोना जब्त करने के बाद 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। डीआरआई अधिकारियों द्वारा मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक संदिग्ध पारगमन यात्री को रोके जाने के बाद इस अनूठी तस्करी का भंडाफोड़ हुआ और पेस्ट के रूप में 3.35 किलोग्राम सोना बरामद किया गया।
एयरपोर्ट कर्मचारियों की मदद से चल रहा था रैकेट
डीआरआई के अनुसार, भारत में सोने की तस्करी में शामिल यात्री बैंकॉक से दुबई और इसके विपरीत यात्रा करते थे, और भारत में पारगमन के दौरान, वे सोने को हवाई अड्डे पर काम करने वाले कर्मचारियों को सौंप देते थे। हवाई अड्डे के ये कर्मचारी तस्करी किए गए सोने को बाहर ले जाते थे और इसे हवाई अड्डे के मेट्रो के पास स्थित एक पेट्रोल पंप सहित विभिन्न स्थानों पर श्रृंखला में अगले व्यक्ति को सौंप देते थे। डीआरआई ने बाद में सोने की निकासी के लिए हवाई अड्डे पर दूसरों की भर्ती करने के लिए जिम्मेदार एक व्यक्ति को तब पकड़ा जब वह दिल्ली से मुंबई की यात्रा कर रहा था। पूछताछ के आधार पर, एजेंसी ने अन्य लोगों को पकड़ा। डीआरआई के मुताबिक, सोना पेस्ट के रूप में बरामद किया गया। इसका वजन करीब 3.35 किलोग्राम बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सोने की कीमत करीब 2.1 करोड़ रुपये आंकी गई है।
कौन हैं गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों के नाम रमेश सुनके, सचिन जुलूम (हवाई अड्डे के डिपार्चर डिपार्टमेंट के ड्यूटी-फ्री शॉप पर काम करने वाले हवाई अड्डे का कर्मचारी), नवीन अचंतानी, राहुल बथीजा, विक्रम खत्री, जीतू छपरू, वासुदेव फेरवानी, सुभम कदम ( डिपार्चर डिपार्टमेंट के फूड कोर्ट में काम करने वाला हवाई अड्डे का कर्मचारी), मुकेश वाल्मीकि (जो हवाई अड्डे पर काम करता था और कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार था), मंगेश पाटिल और कृष्णा गौड़ा है। रविवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां सुंके, जुलम, अचंतनी, कदम, पाटिल और गौड़ा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, वहीं बथीजा, खत्री, छपरू, फेरवानी और वाल्मीकि को 11 मई तक डीआरआई की हिरासत में भेज दिया गया।
उल्हासनगर से जुड़ रहे तस्करी के तार
आरोपियों में ज्यादातर लोगों का लिंक उल्हासनगर से जुड़ रहा है। डीआरआई को पता चला है कि यह गिरोह उल्हानगर के 5 बड़े सिंडिकेट का हिस्सा हैं, जो बारी-बारी से सोने की तस्करी करते हैं।
सिंडिकेट के नाम
1. विनोद सीडी
नरेश राम वाणी
2. रोहित
मनोज
विक्रम
3. दीपक
वासु मराठा
महेरा टिकटवाला
4. हरेश चिकना
हरेश पासपोर्ट
जय टीवी
इनकी नापाक हरकतों का खामियाजा भुगतता है उल्हासनगर का आम और मेहनतकश व्यापारी
सिंधी समाज मेहनत व व्यापार के बेहतर तरीकों के लिए जाना जाता है। लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों की वजह से पूरा शहर बदनाम हो रहा है। आपको बता दें कि उल्हासनगर के 5 से 6 सिंडिकेट इस गोरखधंधे में शामिल है, जिनमें से डीआरआई की इस कार्रवाई से कई लोग अंडर ग्राउंड हो गए। इनमें एक नाम टोनी दूधवाला का भी प्रमुखता से आ रहा है। यह गैंग आम लोगों को 15000 से 20000 देकर उनसे तस्करी का काम कराते हैं और अपनी गैंग का संचालन फेक आदमी के नाम पर करते हैं जैसे सागर, रोहित, संजू, सूरज, मराठा, सूर्या जैसे नाम रखकर करते हैं ताकि कोई फंस जाए या केस हो जाए तो फेक नाम के ऊपर केस हो जाए और यह सब मालिक पार्टनर्स सुरक्षित रहे और फिर दूसरे किसी नए नाम और रुट से अपना काम बदस्तूर चालू रखें। इन्हीं लोगों की वजह उल्हासनगर बदनाम है जिसका खामियाजा उल्हासनगर के व्यापारी वर्ग को उठाना पड़ता है। आपको बता दें कि उल्हासनगर में कई व्यवसायी हैं जो अपने काम के लिए दुबई जाते हैं। इस तस्करी सिंडिकेट के कारण उनकी भी अच्छी तरह से तलाशी ली जाती है।