उल्हासनगर। उल्हासनगर यूएमसी के पीछे बनी हुई यूएमसी की स्विमिंग पूल, जो किसी निजी ठेकेदार को बीओटी के तहत जनहित में चलाने के लिए दिया है, वही आज कुछ पुलिस और नेताओं को अपनी जेब में रख कर जहां ठेकेदार को उल्हासनगर के बच्चों के फ्यूचर्स को देखते हुए कई युवा प्रतिभा को तैराक बना कर उल्हासनगर, राज्य और देश का नाम रोशन करने के लिए काम करना चाहिए, वही इसका उलटा कर यहां शराब परोसी जाती है। भले ही उसको एक्साइज विभाग की इजाजत है, लेकिन हुक्का चलाने की इजाजत उसको किसने दी ? दिन रात खुले-आम छोटे-छोटे बच्चों को हुक्का पिलाया जाता है। 500/700 कमाने के चक्कर में युवा पीढ़ी बर्बाद कर रहा है ये ठेकेदार..आज जो युवा हुक्का पी रहे हैं कल नशा करना चालू कर देंगे। फिर ड्रग अडिक्ट के साथ चरसी गजेड़ी बन जायेंगे..क्या यूएमसी कमिशनर का कोई दायित्व बनता है। उनकी आंख के नीचे ये सब काला काम चल रहा है, लेकिन उन्होंने अपनी आंख पर गंधारी की तरह पट्टी बाँध रखी है। उल्हासनगर के अतिरिक्त कमिश्नर के साथ-साथ यूएमसी के प्रभाग अधिकारी, फायर डिपार्टमेंट भी आखिर क्या कर रहे हैं, ये भी सवाल स्थानीय समाजसेवक और आम लोगों द्वारा उठाया जा रहा है।